चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र ने राष्ट्रीय एड्स एवं एस.टी.डी. नियंत्रण कार्यक्रम (NACP) के पाँचवें चरण को जारी रखने की मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- इस कार्यक्रम को 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक पाँच वर्ष की अवधि के लिये जारी रखने की स्वीकृति दी गई है।
- इसे पूरी तरह सरकार द्वारा वित्त पोषित केंद्रीय योजना के रूप में जारी रखा जाएगा, जिसके तहत 15,471.94 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है।
उद्देश्य
- इसके तहत व्यापक रोकथाम,जाँच एवं उपचार सेवाओं के जरिये सतत विकास लक्ष्य 3 को हासिल करना है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2030 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के तौर पर एच.आई.वी./एड्स वैश्विक महामारी को खत्म करने का लक्ष्य शामिल है।
- यह कार्यक्रम सेवाओं की व्यापकता के साथ सबसे अधिक जोखिम वाली आबादी, युवाओं और गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान देना जारी रखेगाऔर बिना किसी भेदभाव के समानता एवं समावेशीकरण को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम
- वर्ष 1992 में भारत ने पहला राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था। इसका चौथा चरण 31 मार्च, 2021 को संपन्न हुआ।
- कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया था और परियोजना को लागू करने के लिये एक स्वायत्त राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की स्थापना की गई थी।
- पहले चरण में जागरूकता पैदा करने, एच.आई.वी. महामारी की निगरानी के लिये निगरानी प्रणाली की स्थापना, उच्च जोखिम समूह आबादी के लिये सुरक्षित रक्त और निवारक सेवाओं तक पहुँच सुनिश्चित करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- योजना के तहत विभिन्न प्रयासों के कारण भारत में एच.आई.वी. प्रसार में अभूतपूर्व कमी दर्ज की गई है। वर्तमान में वयस्क एच.आई.वी. प्रसार 0.22% है।