हाल ही में, एन.सी.ई.आर.टी. (NCERT) ने इतिहास की स्कूली पाठ्य-पुस्तकों में राखीगढ़ी के पुरातात्विक स्थल से प्राप्त नए अवशेषों की जानकारी को शामिल किया है।
राखीगढ़ी के बारे में
- राखीगढ़ी एक हड़प्पा कालीन पुरातात्विक स्थल है। यह हरियाणा के हिसार जिले में घग्गर-हकरा नदी के मैदान में स्थित है।
- राखीगढ़ी भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल है।
- इसका काल निर्धारण 2600-1900 ईसा पूर्व का है।
- पुरातत्ववेत्ताओं ने हरियाणा स्थित राखीगढ़ी की खोज 1963 ई. में की थी।
- 1997-1999 ई. के दौरान अमरेन्द्र नाथ के नेतृत्व में यहाँ व्यापक पैमाने पर उत्खनन किया गया।
प्राप्त प्रमुख अवशेष
- बस्ती : यहाँ एक परिपक्व हड़प्पा चरण की बस्ती का स्वरुप मिला है। इसमें नियोजित नगर, उचित जल निकासी व्यवस्था और मिट्टी के ईंट के साथ-साथ पकी हुई ईंट के घरों के प्रमाण मिले हैं।
- मुहरें एवं मृद-भांड : एक बेलनाकार मुहर मिली है, जिसके एक तरफ पाँच हड़प्पाकालीन चिन्ह और दूसरी तरफ मगरमच्छ का प्रतीक है।
- यहाँ से प्राप्त लाल मृदभांड के अवशेष एक विकसित चीनी मिट्टी उद्योग का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें स्टैंड पर रखे जाने वाले बर्तन, फूलदान, जार, कटोरा, बीकर, छिद्रित जार, प्याला एवं हांडी शामिल हैं।
- अनुष्ठान एवं अंत्येष्टि : मिट्टी की ईंटों से बने पशु बलि गड्ढे और मिट्टी के फर्श पर त्रिकोणीय व गोलाकार अग्नि वेदिकाएं भी उत्खनन में मिली हैं, जो हड़प्पावासियों की अनुष्ठान प्रणाली का प्रतीक हैं।
- नए अवशेष :
- नमस्कार मुद्रा में पद्मासन अवस्था में योगी की मृण्मूर्ति मिली है।
- दो महिलाओं के कंकाल मिले हैं जिनके हाथों में खोल की चूड़ियां थी। साथ ही, तांबे का दर्पण, पत्थरों के मनके एवं मालाएं मिली हैं। इन कंकालों के सिर उत्तर दिशा की ओर पाए गए हैं।
- सोने के आभूषण तराशने की एक फैक्टरी मिली है जिसका कालखंड पांच हजार वर्ष पुराना है। हालांकि, सोने के आभूषण प्रचुर मात्रा में नहीं मिले हैं, किंतु हड़प्पा कालीन सोने की एक पट्टिका प्राप्त हुई है।