प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिकी, ई-समृद्धि पोर्टल, NAFED, NCCF मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3
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संदर्भ:
केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 04 जनवरी 2024 तुअर(अरहर) दाल प्रोक्योरमेंट (खरीद) पोर्टल/ई-समृद्धि पोर्टल लॉन्च किया।
प्रमुख बिंदु:
- इसे भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (NCCF) द्वारा विकसित किया गया है।
- तुअर/अरहर दाल उत्पादक किसानों के पंजीकरण, खरीद और भुगतान के लिए इसे लॉन्च किया।
पोर्टल के उद्देश्य:
- भारत सरकार तुअर/अरहर और मसूर के घरेलू उत्पादन को बढ़ाना
- दलहन की आयात निर्भरता को शून्य स्तर तक कम करना
- दाल उत्पादक भारतीय किसानों को एमएसपी या राष्ट्रीय दलहन बफर के लिए पूर्व-निर्धारित दर पर पेश करना
- वर्ष 2027 तक दलहन क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का की घोषणा की।
इस पोर्टल के लाभ:
- पंजीकरण कराकर तुअर दाल बेचने में सुविधा होगी।
- DBT के माध्यम से बाजार मूल्य पर MSP या इससे अधिक पर भुगतान प्राप्त कर सकेंगे।
- दलहन उत्पादन में देश की आत्मनिर्भरता और पोषण अभियान को बल मिलेगा।
- इससे फसल पैटर्न में विविधता आएगी।
- भूमि सुधार एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में भी बदलाव आएगा।
रतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED):
- इसकी स्थापना 2 अक्टूबर 1958 को की गई थी।
- बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत है।
- इसकी स्थापना कृषि उपज के सहकारी विपणन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- खेतिहर किसान नेफेड के मुख्य सदस्य हैं।
- सदस्यों को इसके कामकाज में सामान्य निकाय के सदस्य के रूप में अपनी बात कहने का अधिकार है।
भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ (NCCF):
- इसे अक्टूबर, 1965 में पंजीकृत किया गया था।
- यह बहु-राज्य सहकारिता समिति अधिनियम, 2002 के अंतर्गत कार्यशील है।
- यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
- वर्ष 2017 की स्थिति के अनुसार, इसमें 148 सदस्य है; जिसमें भारत सरकार और तीन राष्ट्रीय स्तरीय सहकारिता संगठन भी शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं-
- भारतीय राष्ट्रीय सहकारिता यूनियन (एनएसयूआई)
- राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम (एनसीडीसी)
- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन संघ (नेफेड)
दलहन में भारत की स्थिति:
- दलहन उत्पादन में क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों में भारत विश्व में प्रथम है।
- विश्व में दलहन उत्पादन की बुवाई का 31 प्रतिशत क्षेत्र भारत में है
- विश्व में कुल दलहन उत्पादन में भारत की 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
- भारत में वर्ष 2022-23 में दलहन फसलों का 278.10 लाख टन उत्पादन हुआ है।
- भारत ने वर्ष 2021-22 में 16,628 करोड़ रुपये की दालों का आयात किया है।
- कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार-
- भारत ने जून 2023 में समाप्त हुए पिछले सीज़न में 3.3 मिलियन टन तूर और 1.5 मिलियन टन मसूर का उत्पादन किया।
- भारत में तुअर की घरेलू मांग 4.4 मिलियन टन और मसूर की 2.4 मिलियन टन है।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- भारत विश्व भर में दालों का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- ई-समृद्धि पोर्टल का संबध दलहन से है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर- (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: दलहन उत्पादन में भारत की स्थिति की विवेचना कीजिए।
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