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हमास के नेताओं और इज़राइल के प्रधान मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

संदर्भ

हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के अभियोजक ने इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के संबंध में हमास के नेताओं और इज़राइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट का अनुरोध किया है।

आरोप क्या है?

  • मानवता के विरुद्ध अपराध :  इन अपराधों में हत्या, विनाश, यातना, बलात्कार और यौन अपराध शामिल हैं।
    • उपरोक्त कृत्य किसी राज्य/देश या संगठनात्मक नीति के तहत किए गए आम लोगों पर व्यापक या व्यवस्थित हमले का हिस्सा होना चाहिए।
  • यूद्ध अपराध : इसके अंतर्गत सशस्त्र संघर्ष के दौरान जिनेवा कन्वेंशन का गंभीर उल्लंघन शामिल है।
    • इन अपराधों में नागरिकों या युद्धबंदियों की जानबूझकर हत्या या यातना और संपत्ति का गैरकानूनी विनाश या विनियोग शामिल है।
    • इसके अलावा, भुखमरी को हथियार के रूप में उपयोग करना और राहत आपूर्ति में बाधा डालना भी युद्ध अपराध के अंतर्गत आता है।

इजराइल पर ICC का अधिकार क्षेत्र की स्थिति क्या है?

  • इज़राइल रोम संविधि का पक्षकार नहीं है। गौरतलब है कि, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय का गठन रोम संविधि द्वारा किया गया है। 
  • फिलिस्तीन वर्ष 2015 में 123वें सदस्य के रूप में रोम संविधि में शामिल हुआ था।  हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इससे पहले ही फिलिस्तीन को "गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य" का दर्जा दिया गया था।
  • चूँकि, किसी सदस्य देश (जैसे फ़िलिस्तीन) की सीमा के अंदर ICC के सदस्य देशों अथवा गैर- सदस्य देशों (जैसे इज़राइल) दोनों के नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों पर ICC का अधिकार क्षेत्र है।
    • अतः इजराइल द्वारा फ़िलिस्तीन के विरुद्ध किया गया कोई भी अपराधिक कृत्य ICC का अधिकार क्षेत्र में आएगा। 
  • इसके अलावा, वर्ष 2021 के एक फैसले के अनुसार, ICC का अधिकार क्षेत्र जून 1967 के अरब-इजरायल युद्ध के बाद इज़राइल द्वारा कब्जा किए गए सभी फिलिस्तीनी क्षेत्रों तक विस्तारित है।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) के बारे में

  • क्या है : अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय दुनिया का पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अपराधों के लिए व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने के लिए स्थापित किया गया था।
  • स्थापना : वर्ष 1998 में, रोम संविधि को अपनाने के साथ।
    • हालाँकि, वर्ष 2003 में इस न्यायालय ने काम करना शुरू किया था।
  • उद्देश्य : अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराना और इन अपराधों को दोबारा होने से रोकने में मदद करना, चाहे उस व्यक्ति का पद या स्थिति कुछ भी हो।
    • अंतिम उपाय की अदालत के रूप में : अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता के सबसे गंभीर अपराधों के आरोप वाले व्यक्तियों पर जब स्थानीय क्षेत्राधिकार अनिच्छुक होते हैं या मुकदमा चलाने में विफल होते हैं तब उनके खिलाफ ICC जांच करता है और मुकदमा चलाता है।
    • इन अपराधों के अंतर्गत शामिल हैं; नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता के अपराध आदि।
  • मुख्यालय : हेग (नीदरलैंड)। 
  • सदस्यता : इसमें शामिल होने के लिए देशों को रोम संविधि पर हस्ताक्षर करना होता है और अपनी विधायिकाओं की सहमति से इसका अनुमोदन करना होता है।
    • वर्तमान में, 124 देश ICC के सदस्य हैं, जिसमें अफ्रीकी देशों की संख्या सर्वाधिक है।
    • नवीनतम सदस्य देश आर्मेनिया गणराज्य (124वाँ) है, जो फरवरी 2024 में शामिल हुआ। 
  • अमेरिका, रूस, इज़राइल और सीरिया आदि देशों रोम संविधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन कभी इसकी पुष्टि नहीं की।
  • इसके अलावा, भारत, चीन, इराक, उत्तर कोरिया और तुर्की आदि देशों ने रोम संविधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। 

नोट : ICC अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से भिन्न है जो राज्यों के बीच कानूनी विवादों से निपटता है।

  • ICC का क्षेत्राधिकार : 
    • 1 जुलाई 2002 को या उसके बाद किए गए नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध या युद्ध अपराध ; और
    • अपराध किसी सदस्य देश के नागरिक द्वारा या किसी सदस्य देश के क्षेत्र में या ऐसे राज्य/क्षेत्र में किए गए हों जिसने न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को स्वीकार कर लिया है; या 
    • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा अपराधों को ICC अभियोजक के पास भेजा गया हो।
    • ICC में 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
  • गौरतलब है कि, जब कोई स्थिति न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं होती है, तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उस स्थिति को अधिकार क्षेत्र प्रदान करते हुए ICC को संदर्भित कर सकती है। 
    • ऐसा सूडान और लीबिया के मामले में किया गया था।
  • प्रवर्तन निकाय : एक न्यायिक संस्था के रूप में, ICC के पास अपना स्वयं का पुलिस बल या प्रवर्तन निकाय नहीं है। 
    • विशेष रूप से गिरफ्तारी करने, गिरफ्तार व्यक्तियों को हेग में ICC हिरासत केंद्र में स्थानांतरित करने, संदिग्धों की संपत्ति जब्त करने और सजा लागू करने के लिए, यह दुनिया भर के देशों के साथ सहयोग पर निर्भर करता है।

अभियोजक की क्या भूमिका है?

  • जांचकर्ता के रूप में : ICC के अधिकार क्षेत्र के तहत, अभियोजक का कार्यालय उन स्थितियों की जांच करता है जहां नरसंहार, मानवता के खिलाफ अपराध, युद्ध अपराध और आक्रामकता हुई प्रतीत होती है और आरोपियों के खिलाफ जांच और मुकदमा चलाता है।
  • वारंट या सम्मन जारी करने हेतु अनुरोधकर्ता के रूप में : सबूतों के आधार पर, अभियोजक न्यायाधीशों से गिरफ्तारी का वारंट या पेश होने के लिए सम्मन जारी करने का अनुरोध करता है। 
    • एक बार वारंट जारी होने के बाद, ऐसे मामलों में भी जहां गिरफ्तारी में देरी होती है, गिरफ्तारी वारंट जीवन भर के लिए वैध होते हैं।
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