चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने अगली पीढ़ी के एनालॉग कंप्यूटिंग चिपसेट बनाने के लिये एक डिज़ाइन फ्रेमवर्क (प्रोटोटाइप) विकसित किया है। इसे आर्यभट-1 नाम दिया गया है।
क्या है आर्यभट्ट-1
- आर्यभट-1 से आशय है- एनालॉग रिकॉन्फिगरेबल टेक्नोलॉजी एंड बायस-स्केलेबल हार्डवेयर फॉर ए.आई. टास्क (Analog Reconfigurable Technology And Bias-scalable Hardware for AI Tasks)।
- यह अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में पाए जाने वाले डिजिटल चिप्स की तुलना में तीव्र और विद्युत दक्ष होती है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित एप्लीकेशन में सहायक
- इस प्रकार का चिपसेट अग्रलिखित अनुप्रयोगों में विशेष सहायक हो सकता है-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एप्लिकेशन, जैसे- ऑब्जेक्ट या स्पीच रिकग्निशन थिंक एलेक्सा या सिरी (Alexa or Siri),
- या उनके लिये जिन्हें उच्च गति पर बड़े पैमाने पर समानांतर कंप्यूटिंग संचालन की आवश्यकता होती है।
- कंप्यूटिंग सहित अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में डिजिटल चिप्स का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसकी डिजाइन प्रक्रिया सरल और मापनीय है।
चुनौतियाँ
- डिजिटल कंप्यूटिंग की तुलना में एनालॉग कंप्यूटिंग में बेहतर क्षमता प्रदर्शित होती है, क्योंकि एनालॉग कंप्यूटिंग अधिक ऊर्जा दक्ष है।
- हालाँकि, डिजिटल चिप्स से भिन्न एनालॉग प्रोसेसर का परीक्षण व सह-डिजाइन करना कठिन है।
- चूंकि एनालॉग चिप्स को अगली पीढ़ी की तकनीक या नए एप्लिकेशन में ट्रांजिशन करते समय उन्हें एक-एक करके अनुकूलित करने की आवश्यकता होती है, अत: उनका डिज़ाइन महँगा होता है।
- एनालॉग डिजाइन में शक्ति और क्षेत्र के साथ सटीकता और गति की अदला-बदली करना आसान नहीं होता है।
- डिजिटल डिजाइन में केवल एक ही चिप में लॉजिक यूनिट जैसे अधिक घटकों को जोड़ने से सटीकता बढ़ सकती है। साथ ही, डिवाइस के प्रदर्शन को प्रभावित किये बिना शक्ति (Power) को समायोजित किया जा सकता है।
नवीन ढाँचा
- इन चुनौतियों को दूर करने के लिये आई.आई.एस.सी. की टीम ने एक नया ढाँचा तैयार किया है, जो डिजिटल प्रोसेसर के समान ही बड़े पैमाने पर कार्य कर सकता है।
- इसके चिपसेट को रिकॉन्फ़िगर और प्रोग्राम किया जा सकता है ताकि एक ही एनालॉग मॉड्यूल को विभिन्न पीढ़ियों के डिजाइन व अनुप्रयोगों में प्रयोग किया जा सके।
मशीन लर्निंग आर्किटेक्चर
- शोधकर्ताओं के अनुसार, विभिन्न मशीन लर्निंग आर्किटेक्चर को आर्यभट्ट पर प्रोग्राम किया जा सकता है। यह डिजिटल प्रोसेसर के समान ही विभिन्न प्रकार के तापमान में मजबूती से कार्य कर सकता है।
- वोल्टेज आदि में बदलाव करने पर भी इसका प्रदर्शन पूर्व के समान ही रहता है। इसका अर्थ है कि एक ही चिपसेट को अत्यधिक ऊर्जा दक्ष इंटरनेट ऑफ थिंग्स अनुप्रयोगों के लिये या ऑब्जेक्ट डिटेक्शन जैसे उच्च गति वाले कार्यों के लिये कॉन्फ़िगर किया जा सकता है।