वर्ष 2024 में अस्कोट-आराकोट यात्रा अभियान के 50 वर्ष पूरे हुए हैं।
अस्कोट-आराकोट यात्रा अभियान के बारे में
- क्या है : यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के अस्कोट से शुरू होकर उत्तरकाशी जिले के आराकोट तक प्रत्येक 10 वर्ष में आयोजित किया जाने वाला यात्रा अभियान है।
- शुरुआत : 25 मई, 1974
- आयोजक : शिक्षाविद एवं पर्यावरणविद् शेखर पाठक द्वारा स्थापित सामाजिक संगठन ‘पहाड़’ द्वारा आयोजित
- उद्देश्य : यह यात्रा अभियान हिमालयी राज्य उत्तराखंड को समझने की पहल है। इसका उद्देश्य वर्ष 2000 में उत्तराखंड के राज्य बनने के बाद से हुई प्रगति की जानकारी प्रदान करना भी है।
- यात्रा के दौरान शिक्षा, पर्यावरण, भूगोल, अर्थव्यवस्था, वाणिज्य एवं महिलाओं व बच्चों की स्थिति सहित उत्तराखंड के विभिन्न पहलुओं पर सर्वेक्षण किया जाता है।
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वर्ष 2024 की यात्रा अभियान के बारे में
- यात्रा का क्रम : छठवाँ
- प्रमुख मुद्दे : जंगल बचाओ, शराब बंदी, स्कूल एवं शिक्षा, कनेक्टिविटी, पिछड़ापन आदि।
- थीम : इस बार अभियान की प्रमुख थीम ‘स्रोत से संगम’ रखी गई है ताकि नदियों से समाज के रिश्ते को गहराई से समझा जा सके और उनके स्वास्थ्य पर पड़ रहे दबावों को सामने लाया जा सके।
वर्ष 2024 की यात्रा के प्रमुख निष्कर्ष
- आपदाओं की बारंबारता में प्राकृतिक से अधिक मानव निर्मित कारकों में वृद्धि
- शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी में वृद्धि
- महिलाओं द्वारा आर्थिक गतिविधियों में बढ़ती भागीदारी
- जंगलों के नुकसान में वृद्धि
- जलवायु परिवर्तन का व्यापक असर
- पलायन में वृद्धि
- सामाजिक राजनीतिक जागरूकता मे वृद्धि