प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, असम - मिजोरम सीमा विवाद के लिए गठित समिति मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 |
संदर्भ-
असम के साथ सीमा विवाद समाप्त करने के लिए मिजोरम सरकार ने एक ‘नई सीमा समिति’ का गठन किया है।
मुख्य बिंदु-
- समिति के गठन के लिए मिजोरम सरकार ने 3 जनवरी, 2024 को एक अधिसूचना जारी की थी।
- मिजोरम सरकार की अधिसूचना के अनुसार, समिति के अध्यक्ष मिजोरम के गृह मंत्री के. सपडांगा होंगे।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री ललथसांगा समिति के उपाध्यक्ष होंगे।
- गृह आयुक्त एवं सचिव एच. लालेंगमाविया को सदस्य सचिव बनाया गया है।
- समिति के अन्य सदस्यों में मुख्यमंत्री के सलाहकार (राजनीतिक) लालमुआनपुइया पुंटे, मुख्य सचिव रेनू शर्मा, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनिल शुक्ला और सरकारी टी रोमाना कॉलेज में सहायक प्रोफेसर जोसेफ के लालफकजुआला शामिल हैं।
- समिति में भाजपा, कांग्रेस, मिजो नेशनल फ्रंट, जेडपीएम, आम आदमी पार्टी के एक-एक सदस्य को भी शामिल किया गया है।
- राज्य के प्रमुख नागरिक समाज समूह और गैर सरकारी संगठन, एनजीओ समन्वय समिति, सेंट्रल यंग मिजो एसोसिएशन (सीवाईएमए), मिजो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी), मिजोरम उपा पावल (एमयूपी) या मिजोरम एल्डर्स एसोसिएशन, मिज़ो हमीचे इंसुइहखौम पावल (एमएचआईपी) या मिज़ो महिला महासंघ, मिजो छात्र संघ (एमएसयू) और इनर लाइन रिजर्व फॉरेस्ट डिमांड पर संयुक्त कार्रवाई समिति के भी एक-एक सदस्य होंगे।
- समिति के अध्यक्ष सपडांगा किसी भी व्यक्ति को बैठक में शामिल होने का न्योता दे सकते हैं।
- नई समिति के गठन के साथ पिछली सरकार द्वारा गठित की गई ‘सीमा समिति’ अब भंग हो गई है।
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मुलाकात-
- जनवरी, 2024 में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के मुलाकात की संभावना है।
- 19 जनवरी को मेघालय की राजधानी शिलांग में ‘उत्तर पूर्वी परिषद’(एनईसी) के पूर्ण सत्र की बैठक होगी।
- एनईसी के पूर्ण सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
- इसी दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रीयों की मुलाकात की संभावना है।
सीमा विवाद-
- मिजोरम 1972 तक असम का हिस्सा था।
- मिजोरम असम के साथ दोनों तरफ के तीन जिलों – कछार, करीमगंज और हैलाकांडी (असम) और ममित, कोलासिब तथा आइजोल (मिजोरम) में 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
- दोनों राज्यों के बीच सीमाओं का कोई जमीनी सीमांकन नहीं है।
- सीमा विवाद मुख्य रूप से दो औपनिवेशिक अधिसूचनाओं से शुरू हुआ-
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- 1875 में बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत अधिसूचित इनर लाइन आरक्षित वन
- 1933 में सर्वे ऑफ इंडिया के मानचित्र में दर्शाई गई सीमा।
- मिजोरम ने इनर लाइन आरक्षित वन के 509 वर्ग मील के विस्तार को अपनी वास्तविक सीमा के रूप में दावा करता है, किंतु असम का कहना है कि 1933 के मानचित्र में दर्शाई गई सीमा उसकी संवैधानिक सीमा है।
- जुलाई 2021 में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच अंतरराज्यीय सीमा पर गोलीबारी हुई थी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों और असम के एक नागरिक की मौत हो गई थी।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में असम और मिजोरम के मध्य सीमा विवाद समाप्त करने के लिए गठित की गई नई समिति के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।।
- इस समिति का गठन केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने किया है।
- इसके अध्यक्ष मिजोरम के गृह मंत्री हैं।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- असम और मिजोरम के मध्य सीमा विवाद के कारणों को बताते हुए उसके समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों को स्पष्ट कीजिए।
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