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असिस्टेड डाईंग बिल

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।)

संदर्भ 

हाल ही में ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स ने बहुमत से असिस्टेड डाईंग (assisted dying) बिल को वैध बनाने संबंधी विधेयक के पक्ष में मतदान किया जो असाध्य रूप से बीमार, मानसिक रूप से सक्षम वयस्कों के लिए सहायता प्राप्त मृत्यु को वैध बनाता है। 

क्या है सहायता प्राप्त मृत्यु (assisted dying)

  • यह एक चिकित्सा पद्धति है जिसमें एक चिकित्सक प्रत्यक्ष रूप से किसी व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने में सहायता करता है।
  • इसे चिकित्सक द्वारा सहायता प्राप्त आत्महत्या (physician-assisted suicide) कहा जाता है। यह स्वैच्छिक इच्छामृत्यु से अलग है। 

प्रस्तावित विधेयक के बारे में 

  • विधेयक का नाम : असाध्य रूप से बीमार वयस्क (जीवन का अंत) विधेयक (Terminally ILLAdults (End of Life) Bill)

प्रमुख  प्रावधान 

  • इसमें असाध्य रूप से बीमार लोगों को अपना जीवन समाप्त करने का विकल्प चुनने का अधिकार देने का प्रस्ताव है। विधेयक के अनुसार जो व्यक्ति अपना जीवन समाप्त करना चाहता है उसे निम्नलिखित मानदंड पूरे करने होंगे :
    • ऐसे व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होने के साथ ही उसे इंग्लैंड और वेल्स का निवासी होना चाहिए और कम से कम 12 महीने से GP (General practitioners) के पास पंजीकृत हों। 
    • मानसिक रूप से सक्षम, असाध्य रूप से बीमार वयस्कों की जीवन प्रत्याशा 6 महीने या इससे भी कम हो।
    • उन्हें मृत्यु की अपनी इच्छा के बारे में दो अलग-अलग घोषणाएं करनी होंगी, जिन पर गवाही और हस्ताक्षर (उनके द्वारा या उनकी ओर से किसी प्रतिनिधि द्वारा) होने चाहिए। 
    • दो स्वतंत्र डॉक्टरों को इस बात से संतुष्ट होना चाहिए कि व्यक्ति पात्र है और डॉक्टरों के मूल्यांकन के बीच कम से कम सात दिन का अंतर होना चाहिए। 
  • प्रावधानों के अनुसार, जब भी कोई व्यक्ति अपना जीवन समाप्त करने का अनुरोध करेगा, तो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हर बार फैसला सुनाना होगा। 
    • मरीज को फैसले के बाद 14 दिन तक इंतजार करना होगा, ताकि उसे सोचने का समय मिल सके।
  • डॉक्टर,उस व्यक्ति की मृत्यु के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा तैयार करेगा, लेकिन मरीज उसका सेवन स्वयं करेगा। बिल में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि किस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा।
    • डॉक्टर तब तक व्यक्ति के पास रहेगा जब तक कि व्यक्ति उस पदार्थ का सेवन न कर ले और उसकी मृत्यु न हो जाए।
  • किसी व्यक्ति को जीवन समाप्त करने के लिए करने के लिए दबाव देना या जबरदस्ती करना गैरकानूनी होगा, जिसके लिए 14 वर्ष की सजा हो सकती है।
  • शव-परीक्षक द्वारा विधेयक के अंतर्गत आने वाली मौतों की जाँच करने की आवश्यकता नहीं होगी।

यूनाइटेड किंगडम में कानून की वर्तमान स्थिति 

  • वर्तमान कानून के अनुसार आत्महत्या या आत्महत्या का प्रयास करना इंग्लैंड और वेल्स में आपराधिक कृत्य नहीं हैं। 
    • हालाँकि इसके विपरीत, ऐसा कार्य जो किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने या आत्महत्या का प्रयास करने के लिए उकसाता है या सहायता करता है, एक आपराधिक कृत्य है जिसके लिए वर्ष 1961 के सहायक आत्महत्या अधिनियम के तहत 14 साल की सज़ा है।

अन्य देशों की स्थिति 

  • स्विटजरलैंड पहला देश है जिसने वर्ष 1942 में डॉक्टर या चिकित्सक की उपस्थिति में  असिस्टेड डाईंग (assisted dying)को वैध बनाया हालांकि स्विट्ज़रलैंड इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध लगाता है 
  • नीदरलैंड में वर्ष 2002 का कानून सख्त शर्तों के तहत इच्छामृत्यु के लिए डॉक्टरों को सजा से छूट देता है। 
  • नीदरलैंड्स, लक्ज़मबर्ग, बेल्जियम किसी भी ऐसे व्यक्ति के लिए इच्छामृत्यु और असिस्टेड डाईंग दोनों की अनुमति देता है जो "असहनीय पीड़ा" का सामना करता है और जिसमें सुधार की कोई संभावना नहीं है।
  • कनाडा ने घोषणा की थी कि मार्च 2023 तक मानसिक रूप से बीमार रोगियों के लिए इच्छामृत्यु और असिस्टेड डाइंग की अनुमति दी जाएगी। 
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कानून हैं। वाशिंगटन, ओरेगन और मोंटाना जैसे कुछ राज्यों में इच्छामृत्यु की अनुमति है।

भारत की कानूनी स्थिति 

  • कॉमन कॉज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया  (2018) में सर्वोच्च न्यायालय ने पुष्टि की कि “सम्मान के साथ मरने का अधिकार” संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न अंग है। 
  • न्यायालय ने “निष्क्रिय इच्छामृत्यु” को भी वैध बनाया, जिसमें गंभीर रूप से बीमार रोगियों या स्थायी रूप से निष्क्रिय अवस्था में पड़े लोगों से जीवन रक्षक प्रणाली हटा ली जाती है। यह व्यक्तियों को चिकित्सा हस्तक्षेप के अभाव में प्राकृतिक मृत्यु की अनुमति देता है। 

इसे भी जानिए

यूथेनेशिया (इच्छामृत्यु) 

  • यूथेनेशिया एक व्यक्ति द्वारा एक लाइलाज स्थिति, असहनीय दर्द या पीड़ा से राहत पाने के लिए जानबूझकर अपने जीवन को समाप्त करने की प्रथा को संदर्भित करता है। यह मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
    • ऐक्टिव यूथेनेशिया: इसमें किसी पदार्थ या बाहरी बल के साथ किसी व्यक्ति के जीवन को समाप्त करने के लिए एक सक्रिय हस्तक्षेप शामिल होता है, जैसे घातक इंजेक्शन देना।
    • पैसिव यूथेनेशिया : यह किसी बीमार व्यक्ति के लाइफ सपोर्ट सिस्टम या उपचार को वापस लेने को संदर्भित करता है जो एक गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को जीवित रखने के लिए आवश्यक है।

असिस्टेड डाइंग : 

  • यह एक चिकित्सा पद्धति है जिसमें एक चिकित्सक प्रत्यक्ष रूप से किसी अन्य व्यक्ति को अपना जीवन समाप्त करने में सहायता करता है। 
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