चर्चा में क्यों
ब्राकोनिड ततैया (Braconid Wasps) के एक नए वर्ग (Genus) का नाम ‘पारिस्थितिकीएवं पर्यावरण में अनुसंधान के लिये अशोक ट्रस्ट’ (ATREE) के नाम पर अत्री राजाथे (Atree Rajathae) रखा गया है। यह भारत में पहली बार है, जब किसी संस्थान के नाम पर किसी कीट का उपनाम रखा गया है।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रजाति की खोज शेंदुर्नी वन्यजीव अभयारण्य, जो अगस्त्यमाला जीवमंडल रिज़र्व का एक हिस्सा है, में की गयी है।
- इस नए वर्ग मेंततैया की नई प्रजाति के साथ ही पहले से ज्ञात दो अन्य प्रजातियां बाएसिस इम्प्रोसेरस एवं बाएसिस वैलिडस को भी शामिल किया गया है।
- इसकी केवल 6 प्रजातियां ही इंडोमलय (भारत-मलेशिया) क्षेत्र में पाई जाती है। अत्री राजथे भारत में प्राप्त डायसप्लिनी (Diospilini) कीटजाति की प्रथम उपजाति है।
- यह एक परजीवी प्रजाति है, जो अन्य कीड़ों के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक शत्रु हैं। मनुष्य इसका लाभ फसल कीटों के जैविक नियंत्रण में करते हैं।