प्रारंभिक परीक्षा – NRC, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
सन्दर्भ
- हाल ही में असम विधानसभा के समक्ष पेश की गई अपनी ऑडिट रिपोर्ट में, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा असम में की गयी NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया में अतिरिक्त खर्च और वित्तीय अनियमितताओं तथा डेटा सुरक्षा सम्बन्धी खतरों के सम्बन्ध में चिंता प्रकट की गयी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- CAG ने NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान डेटा कलेक्शन और इसमें सुधार करने से संबंधित सॉफ्टवेयर के अनियमित विकास सहित गंभीर अनियमितताओं को चिह्नित किया गया है।
- CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि NRC अभ्यास को सुविधाजनक बनाने के लिए सुरक्षित और विश्वसनीय सॉफ्टवेयर की आवश्यकता थी, लेकिन कोर सॉफ्टवेयर में 215 से अधिक सॉफ्टवेयर उपयोगिताओं को जोड़ा गया था।
- इसके अलावा, सॉफ्टवेयर का चयन, विक्रेता चयन की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना किया गया था।
- रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टम इंटीग्रेटर (SI) द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का उल्लंघन करके करोड़ों रूपए का अनुचित लाभ अर्जित किया गया।
- CAG ने पाया कि आउटसोर्स कर्मचारियों को दी जाने वाली मजदूरी की राशि एनआरसी समन्वय समिति द्वारा अनुमोदित वेतन से लगभग 45-64% तक कम थी।
- NRC को अद्यतन करने की प्रक्रिया दिसंबर 2014 में शुरू की गई थी और फरवरी 2015 तक पूरी की जानी थी, तब परियोजना लागत ₹288.18 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था।
- हालांकि, CAG की रिपोर्ट में मार्च 2022 तक लागत में पांच गुना वृद्धि की ओर इशारा किया गया है, क्योंकि प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विस्तारित समय लिया गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, अंतिम मसौदा अगस्त 2019 में अधिसूचित किया गया था और परियोजना लागत बढ़कर 1,602.66 करोड़ रुपये हो गई।
CAG द्वारा प्रस्तुत सुझाव
- CAG ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने और डेटा ऑपरेटरों को न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान करने के लिए विप्रो लिमिटेड के खिलाफ दंडात्मक उपायों की मांग की है।
- रिपोर्ट में "अधिक, अनियमित और अस्वीकार्य भुगतान" के लिए राष्ट्रीय पंजीकरण के राज्य समन्वयक (एससीएनआर) के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
- CAG ने "न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित नहीं करने" के लिए प्रमुख नियोक्ता के रूप में एससीएनआर की जवाबदेही तय करने की भी सिफारिश की है।
नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(NRC)
- असम में NRC मूल रूप से राज्य में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सूची है।
- इसे पहली बार 1951 में असम में भारत में पैदा हुए लोगों और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान, अब बांग्लादेश के प्रवासियों की पहचान के लिए बनाया गया था।
- 2013 में, सुप्रीम कोर्ट ने 1951 के रजिस्टर को अपडेट करने के लिए असम में एक अभ्यास शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य को निर्देश जारी किए थे।
- 25 मार्च, 1971 के बाद राज्य में प्रवेश करने वाले अवैध नागरिकों का पता लगाने के लिए NRC को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत अपडेट किया गया था।
- अपडेटेड NRC की अंतिम सूची अगस्त, 2019 को जारी हुई थी, जिसमें 3,30,27,661 आवेदकों में से कुल 3,11,21,004 नाम शामिल थे हालांकि, इसे अधिसूचित किया जाना बाकी है।
- इस रजिस्टर में वे लोग शामिल थे जो 25 मार्च, 1971 से पहले असम में रहने वाले लोगों के निवासी या वंशज होने के नाते अपनी भारतीय नागरिकता प्रमाणित कर सकते हैं।
- 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19.06 लाख से अधिक लोगों को उनकी नागरिकता साबित करने के लिए अपर्याप्त दस्तावेज के कारण रजिस्टर में शामिल नहीं किया गया था।