(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय घटनाक्रम, सामान्य विज्ञान) (मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : बायो-टैक्नोलॉजी) |
संदर्भ
सांभर झील में उच्च तापमान एवं निम्न लवणता ने एवियन बोटुलिज़्म के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ पैदा कर दी हैं। सेंटर फॉर एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कम-से-कम 600 प्रवासी पक्षियों की मौत की सूचना दी है।
एवियन बोटुलिज़्म
- ‘एवियन बोटुलिज़्म’ बोटॉक्स (Botox) से होने वाला तंत्रिका तंत्र संबंधी (Neuromuscular) एक रोग है। बोटॉक्स एक प्राकृतिक विष है जो ‘क्लोस्ट्रीडियम बॉटुलिनम’ (Clostridium botulinum) जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है।
- बोटॉक्स पक्षियों (विशेषकर जलीय पक्षी) तथा मनुष्यों दोनों को प्रभावित करता है। ये विष लगभग आठ प्रकार के होते हैं। बोटॉक्स ‘C’ पक्षियों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है, जो पक्षियों में पक्षाघात का कारण बनता है।
- क्लोस्ट्रीडियम बॉटुलिनम सामान्यतः मृदा, नदी व समुद्री जल में पाया जाता है। इसके लिये एनारोबिक (ऑक्सीजन की अनुपस्थिति) स्थितियाँ अनुकूल होती हैं जबकि अम्लीय परिस्थितियों में यह वृद्धि नहीं करता है।
- ये जीवाणु बीजाणु आर्द्रभूमि तलछट में व्यापक रूप से फैले हुए होते हैं और अधिकांश आर्द्रभूमि आवासों के साथ-साथ कीड़े, मोलस्क व क्रस्टेशियन जैसे अकशेरुकी और स्वस्थ पक्षियों सहित कई कशेरुकी में भी पाए जाते हैं।
- इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है किंतु प्रभावित पक्षियों को एकाकी (Isolate) करने और उनका निपटान करने की सिफारिश की जाती है।
- यूनाइटेड किंगडम स्थित वाइल्डफाउल एंड वेटलैंड्स ट्रस्ट (WWT) के अनुसार, अपेक्षाकृत उच्च तापमान, निम्न ऑक्सीजन स्तर और कार्बनिक पोषक तत्वों की प्रचुरता जैसी स्थितियां पक्षियों में इस महामारी के प्रकोप में योगदान कर सकती हैं।
- नवंबर 2019 में सांभर झील के आसपास 18,000 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई थी, जिनमें प्रवासी पक्षी भी शामिल थे। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली ने इस घटना में एवियन बोटुलिज़्म की पुष्टि की थी।
सांभर झील में एवियन बोटुलिज़्म के प्रसार का कारण
- भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार सांभर झील और आसपास के क्षेत्र में अक्तूबर माह में तापमान औसत से अधिक रहा।
- चूँकि सांभर झील, नमक की झील है, इसलिए अक्तूबर में वर्षा की कमी के कारण इसमें ऑक्सीजन का स्तर कम हो गया होगा।
- बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के अनुसार झील के पानी की गुणवत्ता में अचानक परिवर्तन से यह प्रकोप शुरू हुआ हो सकता है। खारे पानी की झील सांभर में ताजे पानी के आने से पानी की गुणवत्ता में बदलाव आ रहा है।