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उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग हेतु जागरूकता अभियान 

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, भारत उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (NTD) पर जागरूकता बढ़ाने के लिये पूरे विश्व में 100 स्थलों को रोशन करने (Illuminate) के वैश्विक अभियान में शामिल हुआ है। इसके तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को बैंगनी और नारंगी रंगों में प्रकाशमान किया गया। 

जागरूकता अभियान

  • तीसरा विश्व उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस 30 जनवरी, 2022 को मनाया गया। यह एन.टी.डी को समाप्त करने के लिये वैश्विक समुदाय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • यह दिवस भारत में स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NCVBDC) द्वारा आयोजित किया जाता है। 
  • इसके तहत झारखंड, गुजरात और कर्नाटक में भी प्रतिष्ठित स्थलों व स्मारकों को रोशन किया गया।
  • इस अभियान का उद्देश्य यात्रा करने वाले लोगों में एन.टी.डी के बारे में जागरूकता को बढ़ाना तथा उनके उन्मूलन की दिशा में प्रगति व उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है।

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग 

  • ये रोग विभिन्न प्रकार के रोगजनकों, जैसे- विषाणु, जीवाणु, परजीवी, कवक आदि के कारण होते हैं। 
  • इन रोगों में डेंगू, लिम्फैटिक फाइलेरिया, लीशमैनियासिस आदि को शामिल किया जाता है।
  • अन्य बीमारियों के विपरीत इन रोगों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिये जाने के कारण इन्हें 'उपेक्षित' रोग कहा जाता है। ये रोग मुख्यतः विश्व के गरीब और वंचित समुदायों को प्रभावित करते हैं।
  • एक अनुमान के अनुसार एन.टी.डी से वैश्विक स्तर पर लगभग 170 करोड़ से अधिक आबादी प्रभावित है।
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