प्रारंभिक परीक्षा- बाबरी मस्जिद, लिब्रहान आयोग मुख्य परीक्षा – सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों-
- इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन(आईआईसीएफ) ने 12 अक्टूबर,2023 को कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद फैसले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद का नाम और डिजाइन बदल दिया गया है।
मुख्य बिंदु-
- बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन(आईआईसीएफ) का गठन किया।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या शहर से 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में आईआईसीएफ को पांच एकड़ जमीन आवंटित की।
- ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने कहा कि आईआईसीएफ, जो कि भूखंड पर मस्जिद और अन्य सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण के लिए गठित एक ट्रस्ट है, ने अब मध्य पूर्व के देशों में अपनाए गए एक "भव्य" डिजाइन में बदलाव करने का फैसला किया है।
- मस्जिद का पिछला प्रस्तावित डिज़ाइन भारत में बनी मस्जिदों पर आधारित था।
- सुन्नी वक्फ बोर्ड के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा, “समुदाय को हमारे पिछले डिज़ाइन से आपत्ति थी। लोगों ने हमें बताया कि हमारी मस्जिद मस्जिद जैसी नहीं दिख रही थी।“
- 12 अक्टूबर,2023 को मुंबई के रंग शारदा हॉल में एक सार्वजनिक बैठक में नए डिजाइन का अनावरण किया, जिसे पुणे के वास्तुकार इमरान शेख द्वारा तैयार किया गया है।
नए मस्जिद का नाम-
- श्री फारुकी ने कहा, मस्जिद का नाम पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाम पर ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ रखने का फैसला लिया।
- पूर्व में डिज़ाइनन किए गए मस्जिद का नाम 'मस्जिद-ए-अयोध्या' था, जिसका जीरो-कार्बन-फुटप्रिंट डिजाइन एस.एम. अख्तर ने तैयार किया था। अख्तर, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, दिल्ली में वास्तुकला संकाय के संस्थापक-डीन हैं।
- मस्जिद के पिछले ब्लूप्रिंट में एक अस्पताल, सामुदायिक रसोई, पुस्तकालय और स्वतंत्रता सेनानी मौलवी अहमदुल्ला शाह को समर्पित एक अनुसंधान केंद्र था, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था।
नए मस्जिद की विशेषताएं-
- पिछले ब्लूप्रिंट के विपरीत, जिसमें कोई इस्लामी रूढ़िवादी गुंबद और मेहराब नहीं थे,मस्जिद के नए डिज़ाइन में वह सब कुछ है जो इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संरचना के रूप में आसानी से पहचानने योग्य बनाता है।
- इसमें मीनारें और अर्धचंद्र भी है, जिसे इस्लाम धर्म में शुभ माना जाता है, साथ ही पैगंबर का नाम भी है।
- मस्जिद में पांच मीनारें होगी।
- नए डिज़ाइन में विशाल मस्जिद चारों ओर हरियाली से भरे परिसर के बीच में स्थित है।
- अयोध्या मस्जिद का नया डिजाइन पुणे के आर्किटेक्ट इमरान शेख ने तैयार किया है।
- 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और राम जन्मभूमि के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ तथा सरकार को मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में एक वैकल्पिक स्थान देने का निर्देश दिया।
बाबरी मस्जिद के बारे में-
- बाबरी मस्जिद उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में रामकोट पहाड़ी ("राम का किला") पर एक मस्जिद थी।
- इसका निर्माण बाबर के सेनापति मीर बाकी ने 1527 में कराया था और इसका नाम मुग़ल बादशाह बाबर के नाम पर बाबरी मस्जिद रखा।
- 1940 के दशक से पहले, इस मस्जिद को ‘मस्जिद-ए-जन्म अस्थान’ (जन्म स्थान की मस्जिद) कहा जाता था।
- 6 दिसंबर 1992 हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया ।
- 16 दिसम्बर 1992 गृह मंत्रालय द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए बनी परिस्थितियों की जांच करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में लिब्रहान आयोग का गठन किया गया।
- आयोग को अपनी रिपोर्ट तीन महीने के भीतर पेश करनी थी, लेकिन इसका कार्यकाल 48 बार बढ़ाया गया और 17 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद अंततः आयोग ने 30 जून 2009 को अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दी।
- यह भारतीय इतिहास में सबसे लंबे समय तक काम करने वाला आयोग है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- बाबरी मस्जिद के नए प्रस्तावित डिज़ाइन के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- मस्जिद का नाम पैगम्बर मोहम्मद साहब के नाम पर ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्ला’ रखा जाएगा।
- मस्जिद के नए प्रस्तावित डिज़ाइन के वास्तुकार जुफर फारूकी हैं।
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- इस्लामिक वास्तुकला की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें।
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