चर्चा में क्यों
रूस के साथ संघर्ष की आशंका को देखते हुए यूक्रेन अपनी सैन्य तैयारियों को मज़बूत कर रहा है।
बाबुष्का बटालियन
- यूक्रेन में देश की सुरक्षा के लिये आम नागरिक भी स्वयं को तैयार कर रहे हैं। इसमें 'बाबुश्खा/बाबुष्का' बटालियन (Babushka Battalion) भी शामिल है, जो वृद्ध महिलाओं का एक संगठन है।
- यह संगठन वर्ष 2014 से ही सक्रिय है। वर्ष 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया शहर पर कब्ज़े के दौरान इस बटालियन ने देश में खाई निर्माण, आपूर्ति, चिकित्सा देखभाल आदि क्षेत्रों में सैनिकों का सहयोग किया था।
- इसको दक्षिणपंथी एज़ोव आंदोलन के अंतर्गत संगठित और प्रशिक्षित किया जा रहा है।
एज़ोव आंदोलन
- एज़ोव स्पेशल ऑपरेशंस डिटेचमेंट (Azov Special Operations Detachment) को प्राय: एज़ोव डिटैचमेंट, एज़ोव रेजिमेंट या एज़ोव बटालियन भी कहा जाता है।
- इसे एक अति दक्षिणपंथी, राष्ट्रवादी, नव-नाज़ी (Neo-Nazi) और श्वेत वर्चस्ववादी (White Supremacist) विचारधारा का अनुसरण करने वाला सैन्य इकाई माना जाता है।
- यह संगठन एज़ोव सागर के तटीय क्षेत्र में मारियुपोल में अधिक केंद्रित है। विदित है कि रूस और यूक्रेन की सीमा एज़ोव सागर को स्पर्श करती है।