New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

बैड बैंक से संबंधित मुद्दे

संदर्भ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (National Asset Reconstruction Company : NARCL) भारतीय ऋण समाधान कंपनी (India Debt Resolution Company : IDRCL) के साथ मिलकर बैंकों से बैड लोन का पहला सेट ग्रहण करेगी और उनका समाधान करने का प्रयास करेगी।

पृष्ठभूमि

  • बैड लोन की समस्या से निपटने के लिये एक बैड बैंक स्थापित करने का निर्णय केंद्र सरकार द्वारा विगत वर्ष पेश किये गए बजट के दौरान लिया गया था। इस दौरान भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण स्थगन उधारकर्ताओं के लिये विस्तारित कर दिया गया था।
  • गौरतलब है कि भारतीय बैंकों की बैलेंस शीट में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है, उनकी सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (Gross Non-Performing Assets : GNPA) अनुपात वित्त वर्ष 2018 में 11.2% के शीर्ष स्तर से घटकर वित्त वर्ष 2022 के तिमाही में 6.9% हो गई है।

बैड बैंक की अवधारणा

  • बैड बैंक एक वित्तीय इकाई है जिसे बैंकों से गैर-निष्पादित संपत्ति (Non-Performing Assets: NPA) या बैड लोन खरीदने के लिये स्थापित किया गया है।
  • बैड बैंक की स्थापना का उद्देश्य बैंकों को उनकी बैलेंस शीट से बैड लोन को हटाकर उनके बोझ को कम करने में मदद करना है और उन्हें बिना किसी बाधा के ग्राहकों को फिर से उधार देने में सक्षम बनाना है।
  • बैंक से बैड लोन की खरीद के बाद बैड बैंक एन.पी.ए. को पुनर्गठित करने और उन निवेशकों को बेचने का प्रयास कर सकता है जो इसे खरीदने में रुचि रखते हैं।
  • बैड बैंक अपने परिचालन में लाभ कमा सकता है यदि वह किसी वाणिज्यिक बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिये भुगतान की तुलना में अधिक कीमत पर ऋण बेचने का प्रबंधन करता है।
  • हालाँकि, लाभार्जन बैड बैंक का प्राथमिक उद्देश्य नहीं होता है। इसका उद्देश्य बैंकों पर तनावग्रस्त संपत्तियों के बोझ को कम करना और उन्हें अधिक सक्रिय रूप से उधार देने में सक्षम बनाना है।

लाभ एवं समस्या

लाभ

  • यह एक ही विशिष्ट इकाई के तहत बैंकों के सभी खराब ऋणों को समेकित करने में मदद कर सकता है। अतीत में अमेरिका, जर्मनी और जापान जैसे अन्य देशों में बैड बैंक के स्थापना का विचार किया गया था।
  • वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद यू.एस. ट्रेजरी द्वारा कार्यान्वित संकटग्रस्त परिसंपत्ति राहत कार्यक्रम (Troubled Asset Relief Program : TARP) को बैड बैंक के विचार के अनुरूप ही तैयार किया गया था।
  • इसके तहत यू.एस. ट्रेजरी ने अत्यधिक संकट के समय यू.एस. बैंकों से गिरवी-समर्थित प्रतिभूतियां (जैसे संकटग्रस्त संपत्तियां) खरीदीं और बाजार की स्थितियों में सुधार होने पर इसे पुन: बेच दिया तथा कथित तौर पर लाभ भी अर्जित किया।

समस्या

  • इस संबंध में यह तर्क दिया गया कि सरकार द्वारा समर्थित बैड बैंक केवल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से खराब संपत्ति को पुन: सरकारी स्वामित्व वाले बैंक को स्थानांतरित कर देगा।
  • सरकारी स्वामित्व वाले एक बैंक से दूसरे बैंक में संपत्ति के हस्तांतरण से इन अशोध्य ऋणों के सफल समाधान को लेकर आशंकाएं हैं।
  • निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित बैड बैंक के विपरीत सरकार द्वारा समर्थित बैड बैंक द्वारा तनावग्रस्त संपत्तियों के लिये बहुत अधिक भुगतान करने की संभावना है। यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये लाभकारी हो सकता है, किंतु करदाताओं के लिये यह उपयुक्त नहीं है।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में बैड लोन संकट का प्रमुख कारण उनके स्वामित्व की प्रकृति है। वित्तीय प्रोत्साहन और प्रशिक्षण जैसे कारकों के कारण निजी बैंकों का प्रबंधन बेहतर तरीके से होता है, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रबंधन नौकरशाहों द्वारा किया जाता है, जिनमें अपेक्षाकृत प्रतिबद्धता की कमी होती है। 
  • इस प्रकार बैड बैंक के माध्यम से बैड लोन की मूल समस्या का समाधान नहीं होता है।

अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह पर प्रभाव

  • कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है कि संकटग्रस्त बैंकों की बही-खाते से संकटग्रस्त ऋण को हटाकर बैड बैंक 5 लाख करोड़ से अधिक की मुक्त पूंजी की मदद कर सकता है। यह बैंकों को अपने ग्राहकों को अधिक ऋण प्रदान करने के लिये मुक्त पूंजी का उपयोग करने की स्वतंत्रता देगा। 
  • इससे यह आभास होता है कि यदि बैंक अपने संकटग्रस्त ऋण से मुक्त हो जाए तो  बैंकों के पास उनकी बैलेंस शीट में अप्रयुक्त पड़े धन का उपयोग वे कर सकते हैं।
  • वस्तुत: बैड बैंक किसी बैंक के भंडार को बढ़ाकर नहीं बल्कि बैंकों के पूंजी बफर में सुधार कर बैंकों को ऋण वितरण में में मदद कर सकता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR