चर्चा में क्यों
बैगा परधानी नृत्य के लिये प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के आदिवासी लोक कलाकार अर्जुन सिंह धुर्वे का नाम पद्मश्री पुरस्कार की सूची में शामिल है।
प्रमुख बिंदु
- बैगा परधानी नृत्य बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है। इसे मुख्यतः विवाह के अवसर पर किया जाता है। इसमें बैल, मोर, हाथी, घोड़ा इत्यादि के मुखौटे का प्रयोग होता है।
- नृत्य के समय पुरुष सलूखा (कमीज) तथा काली जाकिट पहनते हैं तथा कमर के नीचे लहंगानुमा घेरेदार साया पहनते हैं। सिर पर ‘मोर पंख कलगी’ युक्त चकनुमा पगड़ी, गले में विभिन्न रंगों की मूंगा मालाएँ, गिलट या पीतल से बने सिक्के तथा कानों मे मूँगों-मोतियों के बाले पहनते है।
- नृत्य के लिये स्त्रियाँ शरीर पर ‘मुंगी लुगरा’ पहनती है। वे कलगी के अतिरिक्त बगई घांस के छोटे-छोटे छल्लों को मिलाकर बनाए गए सांकल नुमा ‘लाद्दा’ के गुच्छे भी जूड़े में बांधती है।