प्रारंभिक परीक्षा: समसमियिकी मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
संदर्भ:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ई-सिगरेट के बढ़ते प्रयोग पर देशों से इस पर प्रतिबन्ध लगाने का आग्रह किया।
- भारत में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने डाक्टरों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से पूर्व अनुमति लिए बिना ई-सिगरेट पर शोध नहीं किए जाने का निर्देश दिया।
ई-सिगरेट से संबंधित प्रमुख बिंदु: WHO
- इसके लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव के चिंताजनक सबूत सामने आए हैं।
- इसके इस्तेमाल पर तंबाकू का उपयोग छोड़ने के प्रयास नहीं दिखाए गए हैं।
- अधिकांश देशों के खुले बाज़ार में इसको अनुमति दी गई है-
- 34 देशों ने ई-सिगरेट की बिक्री प्रतिबंधित है
- 88 देशों में इसे खरीदने की कोई न्यूनतम आयु तय नहीं है
- 74 देशों में इन हानिकारक उत्पादों के लिए कोई नियम नहीं हैं
- इसके कई उत्पादों का आकर्षक डिज़ाइन हैं, जो बच्चों को आकर्षित कर रहा है; यहाँ तक कि इस पर कार्टून आदि बनाए जा रहे हैं।
- 13-15 साल के बच्चे वयस्कों की तुलना में अधिक दर पर इसका उपयोग कर रहे हैं।
- इसके उपयोग की दर 2017-2022 के बीच दोगुनी हो गई है।
- स्वास्थ्य को खतरा:
इसके अभी दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों को पूरी तरह से समझा नहीं गया है, लेकिन यह स्थापित हो गया है कि-
- ये विषाक्त पदार्थ उत्पन्न करते हैं
- कैंसर का कारण बनते हैं
- हृदय और फेफड़ों के विकारों के खतरे को बढ़ाते हैं
- मस्तिष्क का विकास प्रभावित होता है
- युवाओं में सीखने संबंधी विकार
- भ्रूण के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव; आदि
ई-सिगरेट (E-Cigarettes):
- यह एक तरह की ENDS (इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम) डिवाइस है।
- ENDS बैटरी से ऑपरेट होने वाले डिवाइस होते हैं, जो शरीर में निकोटिन पहुंचाने का काम करते हैं।
- नॉर्मल सिगरेट की तरह इसमें तंबाकू नहीं भरा होता है और न ही जलाने की जरूरत होती है।
- इसमें तंबाकू की जगह एक कार्टेज में लिक्विड निकोटिन भरा रहता है।
ई-सिगरेट की संरचना:
- सिगरेट के एक छोर पर LED बल्ब लगा होता है, जो कश लगाने पर जलता है।
- इसमें मुख्य रूप से एक रिचार्जेबल लिथियम बैटरी होती है।
- एक निकोटिन कार्टेज, एवोपोरेट चैंबर और इसमें छोटा हीटर लगा होता है।
- यह हीटर बैटरी से गर्म होकर निकोटिन को भाप में बदलता है।
ई-सिगरेट पर विवाद:
- तम्बाकू उद्योग झूठे सबूतों से दावा करते हैं कि ये उत्पाद कम नुकसान करते हैं।
- एक पक्ष ‘सिन गुड्स' की तरह इसे भी विनियमित करने का सुझाव देता है।
- ई-सिगरेट के पक्ष में तर्क:
- यह पारंपरिक सिगरेट की तुलना में कम नुकसानदायक है।
- धूम्रपान के आदी लोगों के लिये एक सुरक्षित विकल्प बताया जा रहा है।
- एक वर्ग इसमें राजस्व की संभावनाएं देख रहा है।
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ई-सिगरेट बनाम साधारण सिगरेट:
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की रिपोर्ट के अनुसार-
- ई-सिगरेट कागज वाली सिगरेट से थोड़ी कम नुकसानदायक होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ई सिगरेट सुरक्षित है।
- जहां कागज वाली सिगरेट के एयरोसोल में लगभग 7000 रसायनों का घातक मिश्रण होता है, वहीं ई सिगरेट में इससे थोड़ा कम होता है।
- कागज वाली सिगरेट से स्मोकिंग (Smoking) होती है और ई सिगरेट से वेपिंग (Vaping) होती है; दोनों ही सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।
प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।
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ई-सिगरेट के विरुद्ध वैश्विक प्रयास:
- वेपिंग के नियम अलग-अलग देशों में अलग हैं।
- जापान जैसे देशों ने ई-सिगरेट को अवैध घोषित कर दिया गया है।
- यूनाइटेड किंगडम जैसे दूसरे देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन मेडिकल इस्तेमाल के लिए लाइसेंस ले सकते हैं।
- ब्राजील, उरुग्वे, सिंगापुर और भारत ऐसे कुछ देशों में पूर्णतः प्रतिबंधित है
ई-सिगरेट के विरुद्ध भारतीय प्रयास:
- भारत में वेपिंग गैरकानूनी है।
- 2019 से पहले ई-सिगरेट पर रेगुलेशन नहीं था।
- 2019 के पहले के तम्बाकू नियंत्रण कानून:
- सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003
- ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स अधिनियम,1940
- उक्त कानूनों में ई-सिगरेट शामिल नहीं थे। यानी ई-सिगरेट रेग्युलेशन नहीं था।
- 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) अधिनियम, 2019 के तहत ई-सिगरेट का प्रयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
प्रश्न:- निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई को मनाया जाता है।
- भारत में ई-सिगरेट आंशिक प्रतिबंधित है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर - (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न: ई-सिगरेट विवाद को स्पष्ट करते हुए भारत में इसके नियमन का उल्लेख करें।
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