टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्यजीव अभयारण्यों में निर्माण कार्यों पर रोक
प्रारंभिक परीक्षा – कॉर्बेट टाइगर रिजर्व मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 – पर्यावरण संरक्षण
सन्दर्भ
हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा बाघ अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभ्यारण्यों के मुख्य क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी।
उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में कथित अवैध निर्माण और टाइगर सफारी की स्थापना जैसे मुद्दों की सुनवाई पर दिया।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व उत्तराखंड के नैनीताल, पौड़ी और अल्मोड़ा जिले में फैला हुआ है।
कॉर्बेट पार्क भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है, इसे 1936 ई. में स्थापित किया गया था, पहले इसका नाम हैली नेशनल पार्क था।
1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से ही हुई थी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बहने वाली मुख्य नदियां रामगंगा, सोनानदी, मंडल और पलायन हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में कॉर्बेट नेशनल पार्क शामिल है, और सोनानदी वन्यजीव अभयारण्य इसके बफर क्षेत्र का हिस्सा है।
यहाँ पाए जाने वाले वृक्षों में साल, शीशम, हल्दु, पीपल, रोहिनी और आम आदि प्रमुख हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जंगली हाथी, टाइगर, तेंदुए, जंगली बिल्ली, समबर, चीतल, हॉग हिरण, बार्किंग हिरण, घुरड, नीलगाय, जंगली सुअर तथा नेवला इत्यादि जानवर पाए जाते हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में निवासी और प्रवासी पक्षियों की लगभग 580 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं।