प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
‘विदेश व्यापार निदेशालय’ (DGFT) ने 20 जुलाई 2023 को एक अधिसूचना जारी कर ‘गैर-बासमती सफेद चावल’ के निर्यात को ‘मुक्त’ निर्यात श्रेणी से ‘निषिद्ध’ श्रेणी में ट्रांसफर कर दिया।
मुख्य बिंदु-
- ‘विदेश व्यापार निदेशालय’(DGFT), ‘वाणिज्य विभाग’ के अंतर्गत आता है।
- प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लागू होगा और छूट तभी दी जाएगी जब जहाज पर ‘गैर-बासमती चावल’ की लोडिंग अधिसूचना या शिपिंग बिल जहाज के भारतीय बंदरगाह पर पहुँचने से पहले ही मिल गई हो।
- हालांकि, अधिसूचना में कहा गया है कि अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार की अनुमति से कुछ निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
- चावल की यह किस्म देश से कुल चावल निर्यात का 25% हिस्सा है।
- केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के अनुसार, घरेलू बाजार में ‘गैर-बासमती सफेद चावल’ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और मूल्य वृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
- भारत ने बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और विभिन्न अनाजों के निर्यात पर 20% टैक्स लगाया था।
- इसके बावजूद भी चावल की घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं। बयान में कहा गया है कि खुदरा कीमतों में एक साल में 11.5% और पिछले महीने में 3% की वृद्धि हुई है।
- केंद्र ने कहा कि, हालांकि 20% निर्यात शुल्क लगाने के बाद भी इस किस्म का निर्यात 33.66 लाख मीट्रिक टन (सितंबर-मार्च 2021-22) से बढ़कर 42.12 लाख मीट्रिक टन (सितंबर-मार्च 2022-23) हो गया, जो 35% की वृद्धि को दर्शाता है।
सरकार की निर्यात नीति-
- मंत्रालय ने कहा कि ‘गैर-बासमती चावल’ (उबला हुआ चावल) और ‘बासमती चावल’ की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- इससे यह सुनिश्चित है कि किसानों को अंतराष्ट्रीय बाजार से लाभकारी कीमतों का लाभ मिलता रहेगा।
कीमतों में वृद्धि क्यों-
- खाद्य विभाग के अनुसार, भू-राजनीतिक परिदृश्य के कारण उच्च अंतर्राष्ट्रीय कीमतों, अल नीनो के प्रभावों और अन्य चावल उत्पादक देशों में चरम जलवायु परिस्थितियों जैसे कारकों ने चावल निर्यात में तेज वृद्धि की, फलतः घरेलू चावल की कीमतों में वृद्धि हुई।
- ‘गैर-बासमती सफेद चावल’ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र का कदम कर्नाटक सहित राज्य सरकारों को उसकी ‘खुली बाजार बिक्री योजना’ (OMSS) के तहत FCI से चावल खरीदने की अनुमति नहीं देने के एक महीने बाद आया है।
वैश्विक चावल बाजार पर प्रभाव-
- भारत के इस कदम से वैश्विक चावल बाजार को बड़ा झटका लग सकता है।
- वैश्विक चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है और बाजार पर बारीकी से नज़र रखने वाली एजेंसियों के अनुसार, भारत काफी प्रतिस्पर्द्धी मूल्य पर एशियाई चावल का निर्यात करने वाला देश है।
- चावल निर्यात पर प्रतिबंध से विभिन्न विदेशी सरकारों द्वारा की गई बाजार भविष्यवाणियों पर असर पड़ने की संभावना है।
- अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार, “2023 में भारत के सबसे अधिक प्रतिस्पर्द्धी कीमत वाले वैश्विक चावल निर्यातक बने रहने की उम्मीद है।”
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में भारत सरकार ने चावल के किस किस्म के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है?
(a) गोल्डन राइस (b) सफेद बासमती चावल (c) पद्मा (d) बाला
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में भारत सरकार द्वारा गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यह वैश्विक चावल बाजार को किस प्रकार प्रभावित करेगा? मूल्यांकन कीजिए।
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