प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, UAPA मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 ( विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान), पेपर- 3 (धन-शोधन और इसे रोकना) |
संदर्भ:
29 मार्च 2024 को मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला दिया कि गैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम , 1967 (UAPA) के तहत बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया जा सकता है।
मुख्य बिंदु:
- न्यायमूर्ति एमएस रमेश और न्यायमूर्ति सुंदर मोहन की खंडपीठ ने चेन्नई स्थित तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट के बचत बैंक खाते को फ्रीज करने के केंद्र सरकार के एक कार्यकारी आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया।
- ट्रस्ट पर प्रतिबंधित संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया’ (PFI) को सहायता देने का संदेह था।
फैसले के महत्वपूर्ण बिंदु:
- बैंक खातों को तब तक UAPA के तहत फ्रिज नहीं किया जा सकता जब तक कि सरकार जांच के बाद स्पष्टीकरण की स्थिति तक नहीं पहुंचती है कि;
- उन खातों के धन का उपयोग किसी प्रतिबंधित संगठन के लिए किया गया है।
- या उपयोग करने का इरादा है।
- UAPA की धारा 7 केंद्र सरकार को गैरकानूनी संगठन द्वारा धन के उपयोग पर रोक लगाने का अधिकार देती है।
- धारा 7(1) ऐसे निषेधात्मक आदेश पारित करने से पहले पालन की जाने वाली प्रक्रियाओं को निर्धारित करती है।
- ये प्रावधान पूर्व जांच और विषयपरक स्पष्टीकरण को अनिवार्य बनाते हैं।
- डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट मामले में केंद्र सरकार ने उस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है, जिससे वह विषयपरक स्पष्टीकरण की स्थिति तक पहुंची थी।
- केंद्र सरकार ने डिजिटल उपकरणों से कुछ दस्तावेजों का सहारा लिया था।
- ये दस्तावेज केवल ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया’ (PFI) के बारे में जानकारी देते हैं, न कि याचिकाकर्ता ट्रस्ट के।
- याचिकाकर्ता ट्रस्ट के अनुसार, उसका PFI के साथ कोई संबंध नहीं है और उसके बचत बैंक खाते के धन का उपयोग कभी भी PFI की गतिविधियों के लिए नहीं किया गया है।
- सरकार इस स्थिति में नहीं हैं कि याचिकाकर्ता ट्रस्ट और PFI के बीच संबंध को प्रमाणित कर सके।
- फैसले में कहा गया कि धारा 7(1) निषेधात्मक आदेश पारित करने से पहले जांच करने का आदेश देती है, जो कि इस मामले में नहीं की गई।
- इसके बाद भी जो आदेश पारित किया गया, वह संविधान के अनु. 14 और अनु. 21 का उल्लंघन है।
- अनु. 14 में कानून के समक्ष समानता का उल्लेख है।
- अनु. 21 में जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा का उल्लेख है।
- UAPA की धारा 7(4) ट्रस्ट को जिला अदालत से संपर्क करने के वैकल्पिक उपाय का लाभ उठाने का प्रावधान करता है, जब तक कि कार्यकारी आदेश द्वारा बैंक खाते को फ्रीज नहीं किया गया था।
प्रभावित पक्ष को सूचित करने का कर्तव्य:
- जब UAPA की धारा 7 को लागू करके उत्तरदायी संस्थाओं द्वारा कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू की जाती है, तो उन पर प्रभावित पक्ष को की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करने का कर्तव्य होता है।
- धारा 7(4) निषेधात्मक आदेश के खिलाफ क्षेत्राधिकार वाली जिला अदालत से संपर्क करने के लिए 15 दिनों की सीमा अवधि का प्रावधान करता है।
- जब प्रभावित पक्ष को सूचना नहीं दी जाएगी, तो वह वैकल्पिक उपाय का लाभ नहीं उठा पाएगा।
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967:
THE UNLAWFUL ACTIVITIES (PREVENTION) ACT, 1967- UAPA
- इसका उद्देश्य भारत विरोधी (भारत और विदेशी भूमि पर) गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम करना है।
- वर्ष 2019 में इसमें संशोधन किया गया।
- इसका उद्देश्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में इसे और अधिक प्रभावी बनाना है।
UAPA का विस्तार और अनुप्रयोग:
1. यह कानून पूरे देश में लागू है।
2. UAPA के तहत आरोपित कोई भी व्यक्ति इस अधिनियम के तहत सजा पाने के लिए उत्तरदायी है।
- अपराध किसी भी स्थान (देश) पर किया गया हो।
3. इस अधिनियम के प्रावधान भारतीय और विदेशी दोनों नागरिकों पर लागू होते हैं।
4. यदि कोई पानी का जहाज और एयरक्राफ्ट भारत में पंजीकृत है, तो
- उसमें सवार व्यक्ति पर यह कानून लागू होता है।
- सवार व्यक्ति किसी भी देश का हो।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यह भारतीय या विदेशी दोनों नागरिकों पर लागू होता है।
- इसका उद्देश्य भारत विरोधी गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम करना है।
- इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए वर्ष 2023 में इसमें संशोधन किया गया।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:
प्रश्न: हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि बैंक खातों को तब तक UAPA के तहत फ्रिज नहीं किया जा सकता जब तक कि सरकार जांच के बाद स्पष्टीकरण की स्थिति तक नहीं पहुंचती है। संबंधित मामले एवं न्यायालय के फैसले की विवेचना करें।
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