अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की लाल सूची के अनुसार, बाओबाब वृक्षों (Baobab Trees) की तीन मेडागास्कर प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है।
बाओबाब के वृक्ष के बारे में
- क्या हैं : ऊंचे एवं विशिष्ट आकार के पर्णपाती वृक्ष
- स्थानिक प्रजाति : मेडागास्कर द्वीप
- इन्हे ‘जंगल की माँ’ के रूप में भी जाना जाता है।
- वंश : एडानसोनिया (Adansonia) वंश से संबंधित
- प्रजाति : आठ अलग-अलग प्रजातियों में शामिल हैं :
- महाद्वीपीय अफ्रीका में पाए जाने वाले ‘एडानसोनिया डिजिटाटा (Adansonia digitata)’
- उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ‘एडनसोनिया ग्रेगोरी (Adansonia gregorii)’ और
- मेडागास्कर में पाई जाने वाली छह अन्य प्रजातियां।
- भारत में उपस्थिति : कुछ बाओबाब वृक्ष मौजूद
- इसमें आंध्र प्रदेश के गोलकुंडा किले के पास स्थित 400 वर्ष से अधिक पुराना वृक्ष भी शामिल है।

विशेषताएं
- अत्यधिक ऊंचाई : 50 मीटर तक की लंबाई
- दीर्घ जीवनकाल : लगभग 2000 वर्षों तक संभव
- विशेष आकृति : तने बड़े घेरे वाले और शाखाएँ पतली व धुरीदार
- उल्टे वृक्ष की संज्ञा : इनका शीर्ष उखाड़े हुए वृक्ष जैसा दिखाई देने के कारण ‘उल्टा पेड़’ की संज्ञा
- एक अरबी किंवदंती है कि शैतान ने इस वृक्ष को उखाड़ दिया और शाखाओं को मिट्टी में दबा दिया तथा जड़ों को हवा में छोड़ दिया।
उपयोगिता
- भोजन : फल एवं बीज खाने योग्य
- बीज से प्राप्त तेल का प्रयोग खाना पकाने के लिए किया जाता है।
- वस्त्र निर्माण : इन वृक्षों के छाल के रेशे कपड़ा निर्माण के लिए उपयोगी
- सांस्कृतिक महत्व : इनके हिस्सों के विभिन्न प्रयोगों के कारण स्थानीय संस्कृतियों में पूजनीय