(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीयऔर अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव)
संदर्भ
30 नवंबर, 2021 को कैरेबियाई द्वीप में स्थित राष्ट्र बारबाडोस ने अपनी स्वतंत्रता के 55 वर्षों के बाद ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से छुटकारा पाया। इस प्रकार, अब ब्रिटेन की महारानी के स्थान पर बारबाडोस के राज्य प्रमुख वहाँ के राष्ट्रपति होंगे।
ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में बारबाडोस का इतिहास
- सन् 1625 में पहली बार यह देश ब्रिटेन का उपनिवेश बना। लगभग 400 वर्षों तक ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहे बारबाडोस ने 30 नवंबर 1966 को स्वतंत्रता प्राप्त की।
- 15वीं और 19वीं शताब्दी के बीच यूरोपीय देशों ने 10 मिलियन से अधिक अफ्रीकियों को दास व्यापार का हिस्सा बनाया था। अंग्रेजों ने प्रारंभ में तंबाकू, कपास, नील और गन्ने के बागानों में मजदूरी के लिये अफ़्रीकी दासों को बारबाडोस भेजा। कुछ ही दशकों में इंग्लैंड द्वारा भेजे गए दासों से वास्तविक लाभ प्राप्त करने वाला बारबाडोस, इंग्लैंड का प्रमुख उपनिवेश बन गया।
- बारबाडोस के वर्तमान राष्ट्रपति के अनुसार, वहाँ का वर्तमान स्वरुप औपनिवेशिक अतीत की असमानताओं का ही परिणाम है और ब्रिटिश शाही परिवार ने इन उपनिवेशों से व्यापार के माध्यम से पर्याप्त मात्रा में लाभ कमाया है। साथ ही, औपनिवेशिक देशों ने अपने उपनिवेशों के किसी हिस्से को समृद्ध करने के बजाय वहाँ की अर्थव्यवस्था को हानि ही पहुँचाई है।
गणतंत्र बनने की यात्रा
- वर्ष 1979 में बारबाडोस में गणतांत्रिक प्रणाली की व्यवहार्यता की प्रमाणिकता के लिये ‘कॉक्स आयोग’ की स्थापना की गई थी। हालाँकि, आयोग इस निष्कर्ष पर पहुँचा था कि वहाँ की जनता संवैधानिक राजतांत्रिक व्यवस्था के अधीन रहना चाहती है।
- वर्ष 1998 में एक संवैधानिक समिति ने यहाँ पर गणतांत्रिक व्यवस्था अपनाने की सिफारिश की थी। वर्ष 2016 में 50वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बारबाडोस के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने राजशाही व्यवस्था के स्थान पर गणतांत्रिक व्यवस्था अपनाने की आवश्यकता दोहराई थी।
- पिछले कुछ वर्षों में इस प्रयास में तेज़ी आई और अंततः ‘डेम सैंड्रा प्रुनेला मेसन’ ने देश के पहले राष्ट्रपति (राज्य-प्रमुख) के रूप में पदभार संभाला। इससे पूर्व वर्ष 2018 से वे यहाँ की गवर्नर-जनरल थी।
- बारबाडोस एक गणतांत्रिक देश के रूप में राष्ट्रमंडल का सदस्य बना रहेगा और कनाडा व ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तरह उपनिवेशवाद के प्रतीक के रूप में ब्रिटिश महारानी अब इस देश की राज्य प्रमुख नहीं रहेंगी।
राष्ट्रमंडल व बारबाडोस
- राष्ट्रमंडल 54 स्वतंत्र देशों का एक स्वैच्छिक संघ है, जो कभी ब्रिटेन के उपनिवेश रह चुके हैं। वर्तमान में कोई भी देश आधुनिक राष्ट्रमंडल में शामिल हो सकता है। वर्ष 2009 में राष्ट्रमंडल में शामिल होने वाला नवीनतम राष्ट्र रवांडा है।
- राष्ट्रमंडल के अंतर्गत 3 अंतर-सरकारी संगठन हैं-
- राष्ट्रमंडल सचिवालय: यह राष्ट्रमंडल के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये सदस्य देशो का समर्थन करता है।
- राष्ट्रमंडल फाउंडेशन: यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विकास में लोगों की भागीदारी का समर्थन करता है।
- कामनवेल्थ ऑफ़ लर्निंग: यह ‘ओपन लर्निंग’ और ‘दूरस्थ शिक्षा’ को बढ़ावा देता है।