(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - बाइडू नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम,जीपीएस,ग्लोनास,गैलीलियो, NAVIC)
(मुख्य परीक्षा के लिए,सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3 अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी)
संदर्भ
- चीन द्वारा अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के विकल्प के रूप में तैयार किए गए अपने स्वदेशी बाइडू उपग्रह नेविगेशन सिस्टम की वैश्विक पहुंच का और विस्तार करने की योजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
- चीन सरकार द्वारा जारी एक श्वेत पत्र में कहा गया, कि वह बाइडू के संबंध में आसियान, अफ्रीकी संघ, अरब राज्यों और लैटिन अमेरिकी तथा कैरेबियाई देशों के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत कर रहा है।
- चीन सैटेलाइट नेविगेशन ऑफिस, के अनुसार बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) देश उनकी प्राथमिकता में है।
- बाइडू ने थाईलैंड में अपने नेटवर्क के लिए तीन निरंतर संचालन संदर्भ स्टेशनों को स्थापित किया है।
- चीन और रूस द्वारा अपने दो नेविगेशन सिस्टमों पर एक रणनीतिक ढांचे पर हस्ताक्षर किए गए, जो कि बाइडू और ग्लोनास के बीच अंतरसंचालनीयता को आगे बढ़ाता है।
- चीन के बाद, 2014 में पाकिस्तान बाइडू नेटवर्क को अपनाने वाला पहला देश बन गया।
- सऊदी अरब, रेगिस्तान में लोगों और वाहनों का सर्वेक्षण और मानचित्रण करने के लिए बाइडू का उपयोग कर रहा है।
- ताजिकिस्तान द्वारा बांधों और झीलों की सटीकता के साथ निगरानी के लिए बाइडू का उपयोग किया जा रहा है।
- लेबनान समुद्री सर्वेक्षण और निर्माण के लिए बेरूत बंदरगाह पर बाइडू का उपयोग कर रहा है।
- बुर्किना फासो में, इसका उपयोग अस्पतालों के सर्वेक्षण और निर्माण के लिए किया जा रहा है।
बाइडू नेवीगेशन सैटेलाइट सिस्टम
- बाइडू, चीन द्वारा स्वतंत्र रूप से निर्मित और संचालित नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम है।
- चीन द्वारा बाइडू नेविगेशन परियोजना, 1994 में की शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन, कृषि, विशेष देखभाल, बड़े पैमाने पर बाजार अनुप्रयोगों, वानिकी और सार्वजनिक सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने आवेदन को एकीकृत करना है।
- इसकी सेवाएं, वर्ष 2000 में चीन में तथा 2012 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रारंभ हो गई।
- बाइडू नेविगेशन सिस्टम को तीन चरणों में पूरा किया गया-
- बीडीएस -1, जो सिर्फ चीन में अपनी सेवाएं प्रदान करता था।
- बीडीएस -2, यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करता था।
- बीडीएस -3, यह पूरे विश्व में सेवाएं प्रदान करता है।
- यह 30 से अधिक उपग्रहों के नेटवर्क का उपयोग करता है, और 10 मीटर से कम की स्थितिगत सटीकता प्रदान कर सकता है।
- बाइडू सटीक स्थिति, नेविगेशन और समय के साथ-साथ लघु संदेश संचार सेवाएं भी प्रदान करता है।
- इस नेविगेशन प्रणाली के माध्यम से, चीन का लक्ष्य 2035 तक एक अधिक सर्वव्यापी, एकीकृत और बुद्धिमान, व्यापक राष्ट्रीय स्थिति, नेविगेशन और समय (पीएनटी) प्रणाली, स्थापित करना है।
अन्य वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस)
- इसे 1978 में शुरू किया गया, और 1994 में इसने वैश्विक कवरेज प्राप्त की।
- इसे संयुक्त राज्य वायु सेना द्वारा संचालित किया जाता है।
- यह आमतौर पर 2.2 मीटर से कम की स्थिति सटीकता प्रदान करता है, जिसे वृद्धि प्रणालियों के उपयोग के साथ कुछ सेंटीमीटर जितना तक कम किया जा सकता है।
ग्लोनास
- यह रूस का ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (ग्लोनास) है।
- इसका संचालन, रूसी संघ के लिए अंतरिक्ष उड़ान और कॉस्मोनॉटिक्स कार्यक्रम के लिए जिम्मेदार एक राज्य निगम, रोस्कोस्मोस द्वारा किया जा रहा है।
- इस परियोजना 1982 में शुरू किया गया और 1993 में इसकी सेवाएं शुरू की गयी।
- ग्लोनास के पास 24 उपग्रहों के साथ पूर्ण वैश्विक कवरेज है।
- यह 2.8 मीटर की स्थिति सटीकता प्रदान करता है।
गैलीलियो
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा विकसित यह प्रणाली, 2005 में शुरू हुई, और कुल 30 उपग्रहों के साथ यह वैश्विक कवरेज प्रदान करेगी।
NAVIC
- यह इसरो द्वारा विकसित एक स्वायत्त क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है।
- इसे भारत के साथ-साथ इसकी सीमा से 1500 किलोमीटर तक के क्षेत्र में सटीक पोजीशन सूचना सेवा प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है।
- यह दो प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है -
- मानक स्थिति सेवा (एसपीएस)- यह सभी उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाती है।
- प्रतिबंधित सेवा (आरएस)- यह एक एन्क्रिप्टेड सेवा है, जो केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को ही प्रदान की जाती है।
- वर्तमान में, इसमें 7 सक्रिय उपग्रह शामिल है।
- 3 उपग्रह जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (जीईओ) में तथा 4 उपग्रह भू-समकालिक कक्षा में।
- आईआरएनएसएस के कुछ प्रमुख अनुप्रयोग हैं-
- स्थलीय, हवाई और समुद्री नेविगेशन।
- आपदा प्रबंधन।
- वाहन ट्रैकिंग और बेड़े प्रबंधन।
- मोबाइल फोन के साथ एकीकरण।
- सटीक समय, मैपिंग और जियोडेटिक डेटा कैप्चर।
जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम
- जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम (QZSS) जापान सरकार की एक परियोजना है।
- यह एक चार-उपग्रह क्षेत्रीय समय हस्तांतरण प्रणाली है, इसका लक्ष्य एशिया-ओशिनिया क्षेत्र में जीपीएस के साथ संगत अत्यधिक सटीक और स्थिर स्थिति सेवाएं प्रदान करना है।
- QZSS की सेवाएं जनवरी 2018 से परीक्षण के आधार पर उपलब्ध है।
प्रश्न- भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली (IRNSS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये (यूपीएससी- 2018)
- IRNSS के भूस्थिर में तीन उपग्रह और भू-समकालिक कक्षाओं में चार उपग्रह हैं।
- IRNSS पूरे भारत को कवर करता है और लगभग 5500 वर्ग किमी.इसकी सीमाओं से परे है ।
- 2019 के मध्य तक भारत के पास पूर्ण वैश्विक कवरेज के साथ अपना स्वयं का उपग्रह नेविगेशन सिस्टम होगा।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 1 और 2
(C) केवल 2 और 3
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
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