(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2: विषय- भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह; सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3: विविध)
हाल ही में,लेबनान की राजधानी तथा वहाँ के सबसे बड़े शहर बेरूत के भूमध्य सागरीय तट पर स्थित एक बंदरगाह के गोदाम में असुरक्षित रूप से रखे हुए लगभग 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट की वजह से भीषण विस्फोट हुआ, जिससे बंदरगाह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
इस विस्फोट में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं और 4,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
प्रमुख बिंदु:
- बेरूत के केंद्रीय बंदरगाह क्षेत्र में कुल दो विस्फोट हुए जो पास की ही दो इमारतों के भी तर हुए।
- इस धमाके से शहर से 10 किलोमीटर तक दूर रहने वाले लोग भी प्रभावित हुए और इसे 250 किलोमीटर तक महसूस किया गया।
- धमाके की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3. के भूकम्प की तीव्रता के बराबर थी।
- ध्यातव्य है की इतनी अधिक मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट, छह साल तक बंदरगाह के पास अधिकारियों द्वारा जब्त और संग्रहीत किया गया था।
- विस्फोट के बाद बेरूत में दो सप्ताह के लिये राज्य आपातकाल लगाया गया है।
विस्फोट का असर:
- आर्थिक: लेबनान एक आयात-निर्भर देश है। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त बंदरगाह सुविधा लेबनान के लिये सबसे बड़ी समुद्री प्रवेश द्वार है और यह देश में आवश्यक वस्तुओं कोमहँगा कर देगा और खाद्य सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न कर देगा।
- लेबनान पहले से ही एक बड़ी आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, स्थानीय मुद्रा के तेज़ी से अवमूल्यन और काला-बाज़ारी की वजह से अस्थिर विनिमय दर, मुद्रास्फीति, बंद होते व्यवसायों, बेरोज़गारी और गरीबी में वृद्धि हो रही है।
- लेबनान मार्च 2020 में यूरोबॉन्ड का पुनर्भुगतान भी नहीं कर पाया था।
- इसके अलावा लेबनान की 10 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम के लिये अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ बातचीत भी चल रही है।
- इस विस्फोट की वजह से देश पर बेरूत शहर के पुनर्निर्माण का अतिरिक्त वित्तीय बोझ भी पड़ेगा।
- राजनीतिक: लेबनान को अक्तूबर 2019 में भ्रष्टाचार, आर्थिक कुप्रबंधन और साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ देशव्यापी विरोध का सामना करना पड़ा था,जिससे तत्कालीन प्रधानमंत्री साद हरीरी को इस्तीफे के लिये मजबूर होना पड़ा था।
- बढ़ते आर्थिक संकट की वजह से यह विस्फोट देश में पुनः सामाजिक अशांति का कारण बन सकता है।
- स्वास्थ्य: देश की स्वास्थ्य प्रणाली पहले से ही कोविड-19 महामारी की वजह से चरमराई हुई है अब विस्फोट के शिकार लोग इस पर बोझ ही बनेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- लेबनान को विभिन्न देशों जैसे यू.एस.ए, जर्मनी, फ्रांस, ईरान, यूरोपीय संघ, तुर्की आदि द्वारा मदद की पेशकश की गई है।
- सहायता देने के साथ ही फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने लेबनान की यात्रा करने का भी फैसला किया है।
- इस कदम को फ्रांस के भाईचारे और एकजुटता के संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
- लेबनान को उसके पड़ोसी इज़रायल द्वारा मानवीय सहायता की पेशकश भी की गई है, जिसके साथ उसके कटु सम्बंध हैं।
- इज़रायल लेबनान के आतंकवादी समूह हिज़बुल्लाह को अपनी उत्तरी सीमा पर एक बड़े खतरे के रूप में देखता है।
- हिज़बुल्लाह मध्य पूर्व के सबसे शक्तिशाली और सफल गुरिल्ला संगठनों में से एक है। यह लेबनान के समर्थक सीरियाई विपक्षी ब्लॉक का सबसे मज़बूत सदस्य है जिसने साद हरीरी के नेतृत्व वाली पश्चिमी सरकार के खिलाफ़ आंदोलन किया था।
अमोनियम नाइट्रेट:
- अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) एक नाइट्रोजन युक्त सफेद, क्रिस्टलीय रसायन है जो पानी में घुलनशील है। अमोनियम नाइट्रेट केविस्फोट से लाल, बदबूदार नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO₂) भारी मात्रा में उत्पन्न होती है, जिसके सम्पर्क में आने से श्वसन तंत्र में विभिन्न गम्भीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
उपयोग:
- इसका उपयोग सामान्यतः विनिर्माण तथा खनन के लिये विस्फोटक के रूप में किया जाता है।
- यह एक प्रकार की विस्फोटक सामग्री ‘अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल आयल’ (ANFO) का प्रमुख घटकभी है।
- यह कृषि उर्वरकों का एक सामान्य रासायनिक घटक है।
विस्फोटक के रूप में:
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा खतरनाक सामग्री के वर्गीकरण (United Nations classification of dangerous goods) के तहत अमोनियम नाइट्रेट को ऑक्सीकारक (ग्रेड 5.1) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- इसके किसी ईंधन या ज्वलनशील पदार्थ के सम्पर्क में आने से भयानक तबाही मच सकती है। अत्यधिक गर्मी के सम्पर्क में आने पर भी इसमें विस्फोट हो सकता है।
- शुद्ध अमोनियम नाइट्रेट अपने आप में विस्फोटक नहीं है। अमोनियम नाइट्रेट के विस्फोटक होने के लिये प्राथमिक विस्फोटक या डेटोनेटर जैसे आरडीएक्स या टी.एन.टी. की आवश्यकता होती है।
- दुनिया भर के आतंकवादियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले कई इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में मुख्य विस्फोटक के रूप में ANFO ही इस्तेमाल होता है।
- संग्रहीत अमोनियम नाइट्रेट से आग का खतरा रहता है और दो तरीकों से विस्फोट हो सकता है-
1. यह कुछ विस्फोटक मिश्रणों के सम्पर्क में आ सकता है।
2. बड़े पैमाने पर ऑक्सीकरण प्रक्रिया के कारण गर्मी उत्पन्न हो सकती है जिससे पहलेआग और फिर विस्फोट शुरू हो सकते हैं। जितनी बड़ी मात्रा में यह रसायन स्टोर होगा, विस्फोट होने पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही अधिक होगी।यह बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट की घटना का प्राथमिक सम्भावित कारण प्रतीत होता है।
पूर्व में हुए विस्फोट:
- भारत में बहुसंख्यक आतंकी हमलों में, जिनमें पुलवामा, वाराणसी, मालेगांव, पुणे, दिल्ली, हैदराबाद और मुंबई शामिल हैं, अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग आर.डी.एक्स. जैसे सर्जक विस्फोटकों के साथ किया गया था।
- वर्ष 2015 में चीन तथा वर्ष 1947 में टेक्सास में अमोनियम नाइट्रेट के आकस्मिक विस्फोट की वजह से बड़ी संख्या में मौतें हुईं थीं।
विनियमन:
भारत में, अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री या उपयोग के लिये निर्माण, रूपांतरण, संग्रहण,आयात, निर्यात, परिवहन, कब्ज़े आदि को अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012 के तहत रखा गया है।
- विस्फोटक अधिनियम, 1884, अमोनियम नाइट्रेट को "NH4NO3 के फार्मूले के यौगिक के रूप में परिभाषित करता है, जिसमें किसी भी मिश्रण या यौगिक के वजन का 45% से अधिक अमोनियम नाइट्रेट होता है, जिसमें पायस (emulsions), सस्पेंशन, मेल्ट या जैल आदि शामिल होते हैं।
- भारत में आबादी वाले क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट का भंडारण अवैध है।
- अमोनियम नाइट्रेट के निर्माण के लिये, औद्योगिक विकास और विनियमन अधिनियम, 1951 के तहत एक औद्योगिक लाइसेंस की आवश्यकता होती है।
- इसे सामान्यतः खुले और हवादार जगह पर भण्डारित किया जाता है। जहाँ इस पर पानी या धूप के सीधे पड़ने की सम्भावना ना हो।
लेबनान:
- यह पश्चिमी एशिया में एक देश है, जो उत्तर और पूर्व में सीरिया और दक्षिण में इज़रायल से घिरा हुआ है।
- लेबनान को 16 वीं शताब्दी में ऑटोमन साम्राज्य द्वारा जीत लिया गया था और अगले 400 वर्षों तक उनका ही शासन रहा।
- प्रथम विश्व युद्ध के बाद साम्राज्य के पतन के बाद, यह फ्रांस के नियंत्रण में आ गया, जिससे इसे वर्ष1943 में स्वतंत्रता मिली।
- लेबनान में वर्ष 1975-1990 तक गृहयुद्ध चला, जो ईसाई, वामपंथी ड्रूज़ और मुसलमानों जैसे विभिन्न गुटों के बीच संघर्ष का परिणाम था।
- यहाँ 60% लोग मुस्लिम हैं, जिनमें शिया और सुन्नी का लगभग समान प्रतिशत है तथा यहाँ लगभग 38% ईसाई लोग रहते हैं। यहाँ की सबसे ज़्यादा बोले जाने वाली और संवैधानिक भाषा अरबी है।
- लेबनान में वर्तमान में कन्फेशनलिस्ट संसदीय लोकतंत्रवादी (confessionalist parliamentary democracy) सरकारहै।
- कन्फेशनलिज्म या विश्वासवाद सरकार की एक प्रणाली है जो जनसांख्यिकी संरचना के आधार पर सख्ती से लोगों के विभिन्न समूहों को अपनी विधायिका में सीटें देती है।
आगे की राह:
- लेबनान पूर्व में ही अर्थिक, राजनैतिक और स्वास्थ्य के स्तरों पर दिक्कत का सामना कर रहा था और इस विस्फोट के बाद उस पर यह बोझ और ज़्यादा बढ़ गया है।
- यह समय है कि जब अंतर्राष्ट्रीय एक जुटता हरकत में आए और लेबनान की ओर मदद का हाथ बढ़ाए।