(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - बेल्ट एंड रोड परियोजना (BRI), शंघाई सहयोग संगठन, चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 - भारत एवं इसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध)
चर्चा में क्यों
- भारत ने शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड परियोजना का समर्थन करने से इनकार कर दिया है।
- भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ने वाली परियोजनाओं को सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए।
बेल्ट एंड रोड परियोजना (BRI)
- चीन ने वर्ष 2013 में बेल्ट और रोड परियोजना की शुरुआत की थी।
- यह लगभग 2,000 वर्ष पहले हान राजवंश के दौरान स्थापित सिल्क रोड की अवधारणा से प्रेरित है।
- सिल्क रोड, व्यापार मार्गों का एक प्राचीन नेटवर्क था, जो यूरेशिया के माध्यम से चीन को भूमध्य सागर से जोड़ता था।
- इसे ‘सिल्क रोड इकॉनमिक बेल्ट’ और 21वीं सदी के समुद्री सिल्क रोड (वन बेल्ट, वन रोड) के रूप में भी जाना जाता है।
- यह परियोजना दक्षिण-पूर्वी एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ़्रीका और यूरोप को सड़क, रेल और समुद्री मार्ग से जोड़ने वाली परियोजनाओं का समूह है।
- इस परियोजना में पांच प्रकार की गतिविधियों को शामिल किया गया है-
- नीतिगत समन्वय।
- व्यापार संवर्धन।
- भौतिक कनेक्टिविटी।
- चीनी मुद्रा रेनमिनबी का अंतर्राष्ट्रीयकरण।
- लोगों से लोगों के बीच संपर्क।
- इसके परियोजना के तहत चीन के प्रमुख उद्देश हैं –
- चीनी पूंजी, श्रम तथा प्रौद्योगिकी का निर्यात।
- बीजिंग के तत्वावधान में नए बंदरगाहों, औद्योगिक केंद्रों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों का निर्माण।
- सैन्य सुविधाओं का विकास।
- भारत इस परियोजना का विरोध करता रहा है, क्योंकि इस परियोजना के एक हिस्से के रूप में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है।
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी)
- चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर, बेल्ट एंड रोड परियोजना के तहत सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है।
- सीपीईसी, चीन के उत्तर-पश्चिम शिनजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र और पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 3,000 किलोमीटर लंबा मार्ग है।
- यह पाकिस्तान और चीन के बीच एक द्विपक्षीय परियोजना है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा, औद्योगिक और अन्य बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं के साथ राजमार्गों, रेलवे और पाइपलाइनों के नेटवर्क के साथ पाकिस्तान में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
- यह कॉरिडोर चीन को हिंद महासागर तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
- शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
- इसका गठन जून 2001 में शंघाई(चीन) में किया गया था।
- SCO के गठन से पहले शंघाई फाइव नाम का एक संगठन था। कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव के सदस्य थे।
- वर्ष 2001 में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर शंघाई सहयोग संगठन कर दिया गया।
- 2017 में भारत तथा पाकिस्तान को इस संगठन का सदस्य बनाया गया।
- दुशांबे में आयोजित 2021 की शिखर वार्ता में ईरान को पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
- रूसी तथा मंडारिन SCO की आधिकारिक भाषाएँ है।
- यह शंघाई स्पिरिट नामक दर्शन से संचालित होता है, जो कि सद्भाव, सर्वसम्मति से काम करने, दूसरों की संस्कृति का सम्मान करने तथा दूसरों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करने एवं गुटनिरपेक्षता पर बल देता है।
- यह संगठन दुनिया की लगभग 42% आबादी, 22% भूमि क्षेत्र और 20% सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिनिधित्व करता है।