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बेपीकोलंबो मिशन

प्रारंभिक परीक्षा

(सामान्य विज्ञान)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : अंतरिक्ष)

संदर्भ 

हाल ही में, बेपीकोलंबो (BepiColombo) अंतरिक्ष यान बुध ग्रह के सबसे निकट पहुंचा। यहाँ से इसने सूर्योदय के समय बुध की बंजर व धब्बेदार सतह के श्वेत-श्याम चित्रों के साथ इस ग्रह के दक्षिणी ध्रुव की पहली स्पष्ट तस्वीर भेजी। इसमें बड़े क्रेटर, बेसिन के किनारे के भीतर चोटियों के असामान्य छल्ले वाले दृश्य आदि शामिल हैं।

यह अपने मूल समय से लगभग एक साल बाद 2026 में बुध की कक्षा में प्रवेश करेगा। अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स में समस्याओं को दूर करने के प्रयासों के कारण यह देरी हुई।

बेपीकोलंबो मिशन के बारे में 

  • परिचय : यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) का बुध ग्रह के लिए एक संयुक्त मिशन 
  • उद्देश्य : बुध का एक व्यापक अध्ययन करना 
    • इसमें संरचना, भूविज्ञान, चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटोस्फीयर) आदि का अध्ययन शामिल है। 
  • लॉन्च तिथि : 20 अक्टूबर, 2018
  • शामिल घटक  : मरकरी प्लैनेटरी ऑर्बिटर (Mercury Planetary Orbiter), मरकरी मैग्नेटोस्फेरिक ऑर्बिटर (Mercury Magnetospheric Orbiter), मरकरी ट्रांसफर मॉड्यूल (Mercury Transfer Module)

बेपीकोलंबो मिशन का महत्व 

  • बुध सौरमंडल का सबसे कम अध्ययन किया गया रहस्यमयी चट्टानी ग्रह है। सूर्य के अत्यधिक निकट होने के बावजूद इसकी सतह पर बर्फ मौजूद है।
    • साथ ही, इस ग्रह में एक अप्रत्याशित चुंबकीय क्षेत्र है जहां वाष्पशील तत्व पाए जाते हैं जिसमे क्लोरीन, सल्फर एवं पोटेशियम आदि शामिल हैं। इसलिए यह मिशन अधिक महत्वपूर्ण है। 
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, बेपीकोलंबो मिशन से ग्रह की संरचना, भूविज्ञान एवं चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करके इसकी उत्पत्ति और विकास के बारे में पता लगाया जा सकेगा।
  • मिशन मे शामिल दो ऑर्बिटर में से एक बुध के भू-परिदृश्य पर अधिक केंद्रित है और दूसरा इसके आस-पास के अंतरिक्ष वातावरण के बारे में डाटा एकत्र कर रहा है। 
  • चूंकि बुध तक पहुंचना मुश्किल है क्योंकि सूर्य की ओर उड़ान भरने से अंतरिक्ष यान की गति बढ़ जाती है। 
    • ऐसे में पृथ्वी, शुक्र एवं बुध के कई फ्लाईबाई बेपीकोलंबो की गति को धीमा करने में मदद कर रहे हैं, जो अंततः इस मिशन को बुध के चारों ओर की कक्षा में ले जाएगा।
  • बेपीकोलंबो मिशन वर्ष 2026 के अंत तक बुध की कक्षा में स्थापित होने से पहले सूर्य के चारों ओर लगभग दो वर्ष तक चक्कर लगाएगा।

बुध ग्रह के बारे में 

  • परिचय : यह सूर्य से दूरी के आधार पर सौरमंडल का पहला एवं आकार में सबसे छोटा चट्टानी ग्रह है। 
  • गति : यह सौरमंडल का सबसे तेजी से परिक्रमा करने वाला ग्रह है, जो लगभग 29 मील प्रति सेकंड की चाल से गतिमान है। 
  • वर्षकाल : हमारे सौरमंडल के सभी ग्रहों में बुध का वर्ष सबसे छोटा वर्षकाल (88 दिन) होता है। 
  • उपग्रह : बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं हैं।
  • तापमान : बुध की सतह का तापमान दिन में 800 °F और रात में -300 °F तक पहुंच सकता है।
  • अन्य विशेषताएं : बुध की सतह से सूर्य, पृथ्वी से तीन गुना बड़ा दिखाई देता है।
    • बुध में लगभग 70% धातु और 30% सिलिकेट पदार्थ हैं। 
    • बुध ग्रह पृथ्वी के बाद दूसरा सबसे घनत्व वाला ग्रह है।
    • बुध की सतह पृथ्वी के चंद्रमा से मिलती-जुलती है, जिस पर उल्कापिंडों और धूमकेतुओं के संघात से कई इम्पैक्ट क्रेटर बन गए हैं।
    • वायुमंडल के बजाय बुध का एक पतला बहिर्मंडल है जो सौर वायु एवं उल्कापिंडों द्वारा सतह से उड़ाए गए परमाणुओं से बना है। 
      • बुध का बहिर्मंडल मुख्यत: ऑक्सीजन, सोडियम, हाइड्रोजन, हीलियम व पोटेशियम से बना है।
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