(प्रारंभिक परीक्षा : प्रश्नपत्र-1 : गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सामाजिक न्याय, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।)
संदर्भ
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा अनुसूचित जाति (SC) के सर्वाधिक गरीब विधार्थियों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘लक्षित क्षेत्रों में विधार्थियों के लिये आवासीय शिक्षा योजना’ : श्रेष्ठ (Scheme for Residential Education for Students in Targeted Areas : SHRESHTA) शुरू की गई है।
प्रमुख प्रावधान
- योजना के तहत अनुसूचित जाति के उन मेधावी गरीब विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क आवासीय शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी जिनके माता-पिता की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये तक हो।
- प्रत्येक वर्ष, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में मेधावी अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की एक निर्दिष्ट संख्या (लगभग 3000) का चयन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित श्रेष्ठ योजना के लिये ‘राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा’ के माध्यम से किया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा तक शिक्षा पूरी करने के लिये 9वीं और 11वीं कक्षा में सी.बी.एस.ई. से संबद्ध सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा।
- इन विद्यार्थियों को आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना या उच्च श्रेणी की शिक्षा योजना से जोड़ा जा सकता है।
- इस योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों को एन.आई.सी. और एन.टी.ए. द्वारा ई-परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से उनकी पसंद के अनुसार देश भर में सर्वश्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में पढ़ने का अवसर दिया जाएगा।
- इस योजना में राज्य के स्कूलों, ग्रामीण क्षेत्रों या क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों से सी.बी.एस.ई. आधारित स्कूलों में शामिल होने वाले विद्यार्थियों हेतु 3 महीने की अवधि के लिये ब्रिज कोर्स (Bridge Course) का प्रावधान भी शामिल किया गया है, ताकि छात्र चयनित स्कूल के नए वातावरण में स्वयं को ढाल सकें। मंत्रालय ब्रिज कोर्स के लिये वार्षिक शुल्क के 10% की अतिरिक्त लागत का भुगतान करेगा।
- विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति से स्कूल शुल्क (ट्यूशन शुल्क सहित) और छात्रावास शुल्क (मेस शुल्क सहित) प्रदान किया जाएगा जो इस प्रकार है :
कक्षा
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वार्षिक छात्रवृत्ति प्रति छात्र (अधिकतम सीमा)
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9वीं
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1,00,000
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10वीं
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1,10,000
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11वीं
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1,25,000
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12वीं
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1,35,000
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- ये छात्रवृत्तियां प्रत्येक वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में सीधे विद्यालयों को एक किश्त में जारी की जाएगी। साथ ही, योजना के अंतर्गत वित्तीय लाभों को प्रत्यक्ष हस्तांतरण विधि के माध्यम से हस्तांतरित किया जाएगा
विद्यालयों का चयन
इस योजना के लिये निजी आवासीय विद्यालयों का चयन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय और सी.बी.एस.ई. के प्रतिनिधियों की एक समिति के माध्यम से कुछ मानकों के आधार पर किया जाएगा, जो इस प्रकार है :
- विद्यालय का कम से कम पिछले 5 वर्षों से अस्तित्व में होना चाहिये।
- पिछले 3 वर्षों से विद्यालय के बोर्ड के परिणाम कक्षा 10 और 12 में 75% से अधिक होना चाहिये।
- विद्यालय के पास कक्षा 9वीं और 11वीं में एस.सी. विद्यार्थियों के अतिरिक्त प्रवेश के लिये पर्याप्त बुनियादी ढाँचा होना चाहिये।
निष्कर्ष
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से असमानता के शिकार अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से दूर रखा गया। पर्याप्त शिक्षा की कमी का नुकसान पीढ़ियों तक इस वर्ग को भुगतना पड़ा। हालिया वर्षों में बिना किसी भेदभाव के शैक्षिक सुविधाओं के प्रसार ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच को प्रदान करने का कार्य किया है। वर्तमान में चलायी जा रही श्रेष्ठ योजना अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अवसर प्रदान करने के महत्त्वाकांक्षी उद्देश्य की प्राप्ति में सक्षम है।