(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।)
सन्दर्भ
- 24 जून 2022 को केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बी.एन.सी.ए.पी.) शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। यह सिस्टम क्रैश टेस्ट में वाहनों के प्रदर्शन और यात्रियों की सुरक्षा के आधार पर वाहनों को स्टार रेटिंग देगा।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में बी.एन.सी.ए.पी. से संबंधित एक नया नियम 126E जोड़कर परिवर्तन पेश किये हैं। नए नियमों के अनुसार -
- एम 1 श्रेणी के वाहनों के लिये घरेलू परीक्षण एजेंसियों द्वारा वाहनों का स्वैच्छिक परीक्षण प्रारंभ किया जाएगा, अर्थात यात्री वाहन जिनमें चालक की सीट के अतिरिक्त आठ से अधिक सीटें न हों और जिनका वजन 3.50 टन से कम हो। वाहन को देश में आयात या निर्मित किया जाना चाहिये। गौरतलब है कि मंजूरी मिलने पर यह नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जायेगा ।
- विदित है कि अब तक निर्माता अपने शोध केंद्रों पर स्वेच्छा से क्रैश परीक्षण कर रहे थे या स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिये यूनाइटेड किंगडम में एन.सी.ए.पी. जैसी स्वतंत्र एजेंसियों को कार भेजते थे।
- भारत सरकार का फ्रंट ऑफसेट टेस्ट 56 किलोमीटर प्रति घंटे पर आयोजित किया जाता है, जबकि वौश्विक स्तर पर इसे 64 किलोमीटर प्रति घंटे पर।
महत्व
- भारत- एनसीएपी सुरक्षित वाहनों के निर्माण के लिए भारत में मूल उपकरण निर्माताओं (Original Equipment Manufacturers: OEMs) के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हुए एक उपभोक्ता-केंद्रित मंच के रूप में कार्य करेगा, जिससे ग्राहक स्टार-रेटिंग के आधार पर सुरक्षित कारों का चयन कर सकेंगे।
- भारत का यह स्वैच्छिक कार्यक्रम, वैश्विक क्रैश परीक्षण प्रोटोकॉल के साथ भारत में मौजूदा परीक्षण नियमों को संरेखित करता है। इसका उद्देश्य वाहनों की निर्यात-योग्यता और निर्माताओं के बीच सुरक्षा मानकों पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के साथ-साथ वाहन की सुरक्षा के सन्दर्भ में उपभोक्ताओं में विश्वास पैदा करना है।
वैश्विक एन.सी.ए.पी.
- वाहनों की सुरक्षा हेतु संयुक्त राष्ट्र के मानकों को सार्वभौमिक रूप से अपनाने के लिये वैश्विक स्तर पर नए कार मूल्यांकन कार्यक्रमों (एन.सी.ए.पी.) के बीच सहयोग और समन्वय स्थापित करने वाला वैश्विक एन.सी.ए.पी. एक मानकीकृत मंच है।
- यह कुछ सामान्य मानदंडों और प्रक्रियाओं के आधार पर वाहन की दुर्घटना संबंधी सुरक्षा के बारे में विश्वसनीय जानकारी प्रदान करता है।
- वैश्विक एन.सी.ए.पी. की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी और यह यू.के. स्थित ‘टुवर्ड्स जीरो फाउंडेशन’ की एक परियोजना है।
भारत में वाहनों के मूल्यांकन की कार्यप्रणाली
- भारत एन.सी.ए.पी. एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (ए.ओ.पी.), चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (सी.ओ.पी.) और सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजी (सैट) जैसे मापदंडों के आधार पर वाहनों को एक से पाँच स्टार की रेटिंग प्रदान करेगा।
- यह किसी भी वाहन के अनुमानित टक्कर के आधार पर वाहन के अग्र भाग, पश्च भाग और साइड पर प्रभाव और दुर्घटना के बाद वाहन दरवाजे के खुलने की संभावना का अध्ययन करेगा।
- टक्कर के संभावित प्रभाव का अध्ययन वाहन के अंदर रखे पुतले की मदद से किया जाता है।
चुनौतियाँ
भारत-एनसीएपी के समक्ष निम्नलिखित चुनौतियाँ विद्यमान हैं- परीक्षण अवसंरचना की कमी, कोष (फंड) की कमी तथा अपर्याप्त परिवहन बुनियादी ढाँचा आदि।
निष्कर्ष
भारत ने वर्ष 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत-एनसीएपी भारत को दुनिया में नंबर 1 ऑटोमोबाइल हब बनाने के मिशन के साथ-साथ ऑटोमोबाइल उद्योग आत्मनिर्भर भारत बनाने में भी एक महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होगा।