चर्चा में क्यों?
- हाल ही में IIT मद्रास-इनक्यूबेटेड कंपनी ने BharOS विकसित किया है।
BharOS
- BharOS एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका उद्देश्य यूज़र्स को उनके डिवाइस की सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर ज़्यादा कंट्रोल देना है।
- BharOS भारत-आधारित उपयोगकर्त्ताओं के लिये एक सुरक्षित OS वातावरण बनाकर 'आत्मनिर्भर भारत' के विचार को नई दिशा प्रदान करेगा।
- वर्तमान में BharOS सेवाएँ उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जो संवेदनशील जानकारी रखते हैं और जिन्हें गोपनीयता और सुरक्षा की अधिक आवश्यकता है।
- ऐसे उपयोगकर्ताओं को निजी 5G नेटवर्क के माध्यम से निजी क्लाउड सेवाओं तक पहुँच की आवश्यकता होती है।
विशेषताएँ
- BharOS एंड्रॉयड की तरह नेटिव ओवर द एयर (NOTA) अपडेट प्रदान करता है, जिसका मतलब है कि सॉफ्टवेयर अपडेट डिवाइस पर ऑटोमैटिक रूप से डाउनलोड और इंस्टॉल हो जाएंगे।
- BharOS में कोई ब्लोटवेयर या डिफॉल्ट ऐप्स शामिल नहीं है, जिससे यूज़र्स को सिस्टम में पहले से इंस्टॉल एप्स को रखने या इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं होती, इससे ज्यादा स्टोरेज स्पेस मिलता है।
- NDA महत्त्वपूर्ण है क्योंकि कई प्री-इंस्टॉल एप, ब्लोटवेयर के रूप में कार्य करके डिवाइस को धीमा कर सकते हैं या बैटरी लाइफ को कम कर सकते हैं।
- यह निजी एप स्टोर सेवाएँ (Private App Store Services- PASS) नाम से एक प्रणाली का उपयोग करेगा, जो उपयोगकर्त्ताओं के लिये सुरक्षिउन एप्स तक पहुँच प्रदान करेगा
एंड्रॉयड OS से कितना अलग है BharOS?
- BharOS तकनीकी रूप से Android के जैसा ही है क्योंकि ये दोनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम Linux कर्नेल पर बेस्ड हैं।
- BharOS और Google के Android के बीच बड़ा अंतर ये है कि BharOS पर Google सर्विस नहीं है, और इसमें यूज़र्स को खुद के ऐप इंस्टॉल करने की अनुमति मिलती है।
सीमाएँ
- ये अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कोई व्यक्ति पहले से इंस्टॉल किए गए OS को BharOS से कैसे रिप्लेस कर सकता है।
- इस बात की भी कोई जानकारी नहीं कि OS को कैसे इंस्टॉल किया जाए या कौन से डिवाइस इसका सपोर्ट करेंगे।