प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ-
बिहार विधानसभा ने 9 नवंबर,2023 को सर्वसम्मति से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में समग्र कोटा बढ़ाने के लिए एक विधेयक पारित किया।
मुख्य बिंदु-
- सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए मौजूदा 10% कोटा के साथ, प्रभावी कोटा 75% होगा।
- 1992 के 'इंद्रा साहनी बनाम यूनियन ऑफ इंडिया' मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50% तय की थी।
- मुख्य लाभार्थी ईबीसी और ओबीसी हैं, जिनका कोटा क्रमशः 12% से बढ़ाकर 25% और 8% से 18% करने का प्रस्ताव है।
- राज्य के जाति सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार की जनसंख्या का 36.01% आबादी ईबीसी और 27.13% आबादी ओबीसी की है।
- बीसी महिलाओं के लिए मौजूदा 3% आरक्षण खत्म कर दिया गया है।
- अनुसूचित जाति के लिए नया कोटा मौजूदा 14% से बढ़ाकर 20% किया गया। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65% है।
- अनुसूचित जनजाति के लिए कोटा 10% से घटाकर 2% करने का प्रस्ताव है। 2000 में बिहार के विभाजन के बाद अधिकांश आदिवासी क्षेत्र झारखंड में चले जाने से, बिहार में आदिवासी आबादी 2% से भी कम है।
- पटना विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान के पूर्व प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी के अनुसार, “वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में, कोई राजनीतिक दल पिछड़े और उत्पीड़ित वर्गों के लिए आरक्षण में वृद्धि का विरोध कैसे कर सकता है?”
- श्री नवल किशोर चौधरी के अनुसार, "इस जाति सर्वेक्षण के बाद, 'मंडल राजनीति' की वापसी तय है और इसका [जाति सर्वेक्षण] न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।"
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में किस राज्य ने शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में समग्र आरक्षण बढ़ाकर 75% कर दिया?
(a) बिहार
(b) नागालैंड
(c) हिमाचल प्रदेश
(d) केरल
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- हाल ही में बिहार में संपन्न जाति सर्वेक्षण के बाद, 'मंडल राजनीति' की वापसी तय है और इसका न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। समीक्षा कीजिए।
|
स्रोत- indian express