प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत में महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम की ‘बीमा सखी योजना’ का शुभारंभ किया।
महिला सशक्तिकरण एवं वित्तीय समावेशन के लिए केंद्र सरकार बैंक सखी, कृषि सखी, पशु सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी जैसी योजनाएँ संचालित कर रही हैं।
यह सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की एक पहल है जिसका उद्देश्य महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए अगले 12 महीनों में 100,000 बीमा सखियों के नामांकन का लक्ष्य है।
तीन वर्षों की अवधि में 200,000 बीमा सखियों के नामांकन का लक्ष्य रखा गया है।
बीमा सखी को तीन वर्षों के लिए विशेष प्रशिक्षण एवं मानदेय दिया जाएगा। पहले वर्ष 7000 रुपए, दूसरे वर्ष 6000 रुपए और तीसरे वर्ष 5000 रुपए का मानदेय (Stipend) प्रदान किया जाएगा। यह योजना 18-70 वर्ष आयु वर्ग की 10वीं पास महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
तीन वर्ष का संविदा कार्य पूरा होने के बाद एल.आई.सी. इन महिलाओं को प्रशिक्षित करने में मदद करेगी और एक परीक्षा के बाद उन्हें एजेंट के रूप में बीमाकर्ता कंपनी में शामिल होने के लिए चुना जाएगा।
बीमा सखी योजना के पहले वर्ष में एल.आई.सी. द्वारा 840 करोड़ रुपए व्यय किए जाने की संभावना है।
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बीमा क्षेत्र में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।