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बायोडिग्रेडेबल फोम

चर्चा में क्यों?

  • भारतीय विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं ने एक बायोडिग्रेडेबल फोम विकसित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • प्रोफेसर सूर्यसारथी बोस और सुबोध कुमार के नेतृत्व में शोध दल ने एक बायोडिग्रेडेबल फोम बनाया है।
  • यह पारंपरिक फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स पैकेजिंग में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक सामग्री का एक टिकाऊ विकल्प प्रदान करता है।
  • वर्तमान में वार्षिक उत्पादित 2.3 मिलियन टन प्लास्टिक फोम में से 1% से भी कम को रिसाइकिल किया जाता है।
  • यह नवाचार एक गंभीर पर्यावरणीय चुनौती का समाधान करता है।

पर्यावरण अनुकूल पैकेजिंग फोम की विशेषताएँ

  • इस फोम को यांत्रिक रूप से पुनः संसाधित किया जा सकता है।
  • इसे पर्यावरण के अनुकूल विलायक में घोला जा सकता है। 
  • ये बायो-फोम 80 डिग्री सेल्सियस पर पर्यावरण के अनुकूल विलायक के संपर्क में आने पर तीन घंटे के भीतर विघटित हो सकते हैं।
  • गैर-खाद्य तेलों और प्राकृतिक रूप से प्राप्त हार्डनर्स से बने हैं।
  • इस सामग्री में चाय की पत्तियों से निकाले गए पॉलीफेनोल-आधारित हार्डनर्स के साथ इपॉक्सीडाइज्ड फैटी एसिड का उपयोग किया गया है।

भारतीय फोम बाजार:

  • भारतीय फोम बाजार का मूल्य वर्तमान में 7.9 बिलियन डॉलर है।
  • यह वर्ष 2032 तक 11.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।  

भारतीय विज्ञान संस्थान

  • यह भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और उच्च शिक्षा के लिये अग्रगण्य शिक्षा संस्थान है। 
  • इसकी स्थापना वर्ष 1909 में उद्योगपति जमशेदजी नुसरवानजी टाटा, मैसूर शाही परिवार, और भारत सरकार के बीच साझेदारी से हुई थी।
  • यह बेंगलुरु में स्थित है।
  • इसमें विज्ञान, इंजीनियरिंग, डिजाइन, और प्रबंधन से जुड़ा अनुसंधान होता है।

प्रश्न.  निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

  1. भारतीय विज्ञान संस्थान ने एक बायोडिग्रेडेबल फोम विकसित किया है।
  2. भारतीय फोम बाजार का मूल्य वर्तमान में 7.9 बिलियन डॉलर है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न  तो 1 न  ही 2 


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