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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

जैविक एवं विषाक्त हथियार अभिसमय

चर्चा में क्यों

हाल ही में रूस ने यूक्रेन में जैविक प्रयोगशालाओं के मुद्दे पर सुरक्षा परिषद् की बैठक बुलाई है। रूस ने यूक्रेन में यू.एस. द्वारा समर्थित रासायनिक और जैविक हथियार प्रयोगशालाओं के दावों पर चर्चा करने के लिये इस बैठक का अनुरोध किया था।

जैविक एवं विषाक्त हथियार अभिसमय

  • यह सामूहिक विनाश के हथियारों (Weapon of Mass Destruction : WMD) की एक पूरी श्रेणी पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली बहुपक्षीय निरस्त्रीकरण संधि है, यह जैविक एवं विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, हस्तांतरण, भंडारण और उपयोग पर रोक लगाकर प्रभावी रूप से प्रतिबंधित करती है।
  • डब्ल्यू.एम.डी. प्रसार को संबोधित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों में जैविक एवं विषाक्त हथियार अभिसमय एक प्रमुख तत्व है। इसने जैविक हथियारों के विरुद्ध एक मज़बूत मानदंड स्थापित किया है। यह 26 मार्च, 1975 को लागू हुआ तथा जनवरी 2022 तक 183 राज्य इसके पक्षकार बन गए हैं।
  • जैविक हथियार एक जीवाणु, वायरस, प्रोटोजोआ, परजीवी, कवक, रसायन या विष है, जिसे उद्देश्यपूर्ण ढंग से जैव आतंकवाद या जैविक युद्ध में हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • उपर्युक्त मुद्दे के संदर्भ में भारत का मत है कि ‘जैविक एवं विषाक्त हथियार अभिसमय’ (Biological and Toxin Weapons Convention : BTWC) का अक्षरश: पूर्ण और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है। बी.टी.डब्ल्यू.सी. के तहत दायित्वों से संबंधित किसी भी मामले को संबंधित पक्षों के बीच परामर्श और सहयोग के माध्यम से हल किया जाना चाहिये।
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