चर्चा में क्यों
हाल ही में, जी.एस.टी. परिषद की 53वीं बैठक में पंजीकरण आवेदकों के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण को चरणबद्ध तरीके से अखिल भारतीय स्तर पर लागू करने की सिफारिश की गई है।
बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण
- बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण एक सुरक्षित प्रक्रिया है, जहां व्यक्ति सत्यापन के लिए अपने आधार नंबर और उसके साथ जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक डाटा को यू.आई.डी.ए.आई. के केंद्रीय पहचान डाटा रिपोजिटरी (CIDR) में जमा करते हैं।
- यह विधि अब जी.एस.टी. पंजीकरण आंध्र प्रदेश का अभिन्न अंग है जो पंजीकरण प्रक्रिया की समग्र सुरक्षा को बढ़ाती है।
- नामित जी.एस.टी. सुविधा केंद्रों (GSK) में आधार प्रमाणीकरण और बायोमेट्रिक सत्यापन की आवश्यकता का उद्देश्य सुरक्षा उपायों को मजबूत करना, धोखाधड़ी वाले पंजीकरण को कम करना और राज्य में अधिक जवाबदेह कारोबारी माहौल को बढ़ावा देना है।