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वर्ड फ्लू वायरस : चिंता का कारण 

(प्रारंभिक परीक्षा : सामान्य विज्ञान से सम्बंधित प्रश्न, मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - स्वास्थ्य संबंधी विषय; सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 3 - आपदा एवं आपदा प्रबन्धन से सम्बंधित मुद्दे)

संदर्भ 

  • हाल ही में, बीजिंग स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने चीन के पूर्वी जिआंग्सु प्रांत में H10N3 नामक वायरस से संक्रमित पहले मानव की पुष्टि की है। 
  • H10N3 एक दुर्लभ वायरस है, जो आमतौर पर मुर्गे-मुर्गीयों को संक्रमित करता है।

H10N3 वायरस 

  • खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, वायरस के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है, यह पक्षियों में होने वाला एक  दुर्लभ रोग है, जो किसी गंभीर रोग का कारण नहीं बनता है।
  • H10N3 वायरस का रोगी के संपर्क में आने का स्रोत ज्ञात नहीं हुआ और इस वायरस के स्थानीय आबादी के बीच नए मामले नहीं पाए गए हैं, साथ ही इसके मानव-से-मानव संचरण का कोई संकेत नहीं मिला है।
  • यद्यपि पक्षियों पर बहुत कम प्रभाव डालने वाले एवियन इंफ्लूएंजा  वायरस लोगों में अधिक गंभीर हो सकते हैं। 
    • जैसे कि H7N9 स्ट्रेन, जिसने वर्ष 2016-2017 की सर्दियों के दौरान चीन में लगभग 300 लोगों की जान ले ली थी। 
    • डब्ल्यू.एच.. ने कहा है कि H7N9 वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने के दुर्लभ उदाहरण हैं।

एवियन इंफ्लूएंजा 

  • H5N1 सबसे आम वायरस है, जो बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लूएंजा का कारण बनता है। हालाँकि, यह काफी हद तक पक्षियों तक ही सीमित होता है। हालाँकि, यह अन्य जानवरों से  मनुष्यों में भी फैल सकता है। 
  • डब्ल्यू.एच.. के अनुसार, H5N1 को पहली बार वर्ष 1997 में मनुष्यों में देखा गया था और इसने लगभग 60% संक्रमित लोगों की जान ले ली। यद्यपि,  यह मनुष्यों के बीच आसानी से प्रसारित नहीं होता है, लेकिन इसका जोखिम बना रहता है।
  • एवियन इंफ्लूएंजा वायरस के कई उप-प्रकार हैं। वर्ष 2003 में एवियन और अन्य इंफ्लूएंजा वायरस एशिया से यूरोप और अफ्रीका में फैल गए। 
  • वर्ष 2013 में, चीन में इंफ्लूएंजा (H7N9) वायरस से मानव संक्रमण की सूचना मिली थी। वर्ष 2016 और वर्ष 2017 में H7N9 स्ट्रेन के प्रकोप ने लगभग 300 लोगों की जान ले ली। 
  • यू.एस. सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि इंफ्लूएंजा के सभी ज्ञात उप-प्रकार (H17N10 और H18N11 को छोड़कर) पक्षियों को संक्रमित कर सकते हैं, जो केवल चमगादड़ों में पाए गए हैं। 
  • केवल दो इंफ्लूएंजा वायरस के उप-प्रकार (यानी, H1N1 और H3N2) वर्तमान में लोगों के बीच सामान्य प्रचलन में हैं। कुछ उप-प्रकार अन्य संक्रमित जानवरों की प्रजातियों में पाए जाते हैं। उदाहरण के लिये, H7N7 और H3N8 वायरस के संक्रमण से घोड़ों में बीमारी हो सकती है और H3N8 वायरस के संक्रमण से घोड़ों और कुत्तों में बीमारी हो सकती है। 
  • अभी तक H10N3 हल्का दिखाई देता है और बहुत पारगम्य नहीं है  इसलिये इसकी वर्गीकरण स्थिति स्पष्ट नहीं है।

एवियन इंफ्लूएंजा संक्रमण के विशिष्ट लक्षण 

  • डब्ल्यू.एच.. के अनुसार मनुष्यों में एवियन, स्वाइन और अन्य जूनोटिक इंफ्लूएंजा वायरस संक्रमण हल्के श्वसन संक्रमण, बुखार एवं खांसी और गंभीर निमोनिया, सदमे के साथ सेप्सिस, तीव्र श्वसन संकट तथा सिंड्रोम जैसे लक्षण उत्पन्न करते हैं, यहाँ तक ​​​​कि इससे मौत भी हो सकती है। 
  • नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis), जठरांत्र संबंधी लक्षण (gastrointestinal symptoms), इंसेफेलाइटिस और इंसेफैलोपैथी भी उप-प्रकार के आधार पर अलग-अलग  बताए गए हैं।

बर्ड फ्लू वायरस: चिंता का कारण 

  • SARS-CoV-2 की उत्पत्ति के बारे में अटकलों ने जानवरों और पक्षियों जनित वायरस को लेकर चिंता बढ़ा दी है। 
  • पक्षियों में H5N8 वायरस के प्रकोप के कारण विभिन्न यूरोपीय देशों में हजारों मुर्गे मारे गए। 
  • फरवरी में, रूस ने बताया कि एक संयंत्र में सात पोल्ट्री कर्मचारी H5N8 स्ट्रेन से संक्रमित थे, जो स्वस्थ हो चुके हैं। 
  • भारत को भी जनवरी में पोल्ट्री के झुंड में वायरस के प्रकोप का सामना करना पड़ा और उन्हें मारने का काम शुरू किया गया। 

निष्कर्ष 

फ्लू के वायरस तेज़ी से उत्परिवर्तित हो सकते हैं और खेतों पर या प्रवासी पक्षियों के बीच घूमने वाले अन्य उपभेदों के साथ मिल सकते हैं, जिन्हें "पुनर्वसन" कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि वे आनुवंशिक परिवर्तन कर सकते हैं जो मनुष्यों के लिये संक्रमण का खतरा उत्पन्न करते हैं। 

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