संदर्भ
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने ब्लैक स्वान घटनाओं/स्थितियों (Black Swan Events) के लिए हमेशा तैयार रहने का आह्वान किया है।
क्या होती हैं ‘ब्लैक स्वान घटनाएँ’
- 'ब्लैक स्वान’ घटना एक ऐसी अप्रत्याशित परिस्थिति को संदर्भित करता है जो किसी स्थिति में सामान्य रूप से अपेक्षित नहीं होती है और इसके गंभीर परिणाम होने की आशंका होती है।
- ऐसी घटनाओं के तीन विशिष्ट लक्षण होते हैं :
- अप्रत्याशित घटना
- गंभीर एवं व्यापक परिणाम
- पूर्वदृष्टि पूर्वाग्रह
- ब्लैक स्वान घटना के घटित होने के बाद लोग इसको पूर्वानुमेय मानकर तर्कसंगत ठहराने का प्रयास करते हैं।
- पूर्व वॉल स्ट्रीट व्यापारी नसीम निकोलस तालेब ने वर्ष 2001 में अपनी पुस्तक ‘फूल्ड बाई रैंडमनेस’ में पहली इस शब्द का प्रयोग किया था। वर्ष 2007 में प्रकशित इनकी पुस्तक ‘द ब्लैक स्वान: द इम्पैक्ट ऑफ द हाईली इम्प्रोबेबल’ से यह शब्द अधिक लोकप्रिय हुआ।
ब्लैक स्वान घटनाओं के निहितार्थ
- असंभवता या कल्पनातीत (Improbability) : ये घटनाएँ अत्यधिक अनिश्चित होती हैं क्योंकि पारंपरिक तरीकों से इनका अनुमान लगाना कठिन या असंभव होता है।
- यह अनिश्चितता व्यक्तियों, संगठनों एवं सरकारों के लिए नियोजन व निर्णयन को चुनौतीपूर्ण बना सकती है।
- व्यवधान (Disruption) : ब्लैक स्वान घटनाएँ बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था, उद्योग व समाज को बाधित कर सकती हैं।
- ये वित्तीय बाजारों, व्यवसाय संचालन एवं रोजमर्रा की जिंदगी में अचानक व अप्रत्याशित बदलाव लाने की क्षमता रखती हैं।
- उच्च प्रभाव (High impact) : ब्लैक स्वान घटनाओं के दूरगामी व गंभीर परिणाम होते हैं। इनका प्रभाव कई उद्योगों, बाज़ारों व भौगोलिक क्षेत्रों में महसूस किया जा सकता है।
- प्रतिमान विस्थापन (Paradigm shift) : ब्लैक स्वान घटनाएँ प्राय: स्थापित सिद्धांतों, मॉडलों एवं मान्यताओं को चुनौती देते हुए एक आदर्श परिवर्तन की ओर ले जाती हैं।
- ये मौजूदा जोखिम प्रबंधन रणनीतियों की सीमाओं को उजागर करती हैं और अनिश्चितता से निपटने के लिए अधिक अनुकूलित व मजबूत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं।
- जोखिम का पुनर्मूल्यांकन (Reassessment of Risk) : ब्लैक स्वान घटना के बाद इसे इस प्रकार तर्कसंगत बनाने की प्रवृत्ति होती है, जैसे कि यह पूर्वानुमानित हो।
- संज्ञानात्मक पूर्वाग्रह (पूर्वदृष्टि पूर्वाग्रह) इन घटनाओं की वास्तविक प्रकृति को अस्पष्ट कर सकता है और उनसे सीख पाने की हमारी क्षमता में बाधक हो सकता है।
- विनियामक एवं नीति प्रतिक्रियाएँ : ब्लैक स्वान घटनाएँ दीर्घकालिक योजनाओं एवं लचीलेपन के महत्व को रेखांकित करती हैं।
- ऐसी घटनाओं के प्रति तैयारी से एक ऐसी मानसिकता विकसित करने में मदद मिलती है जो अनुकूलनशीलता, दक्षता एवं उथल-पुथल के बीच अवसरों को भुनाने की क्षमता पर जोर देती है।
प्रमुख ब्लैक स्वान घटनाएँ
- एशियाई वित्तीय संकट (1997-1998) : दक्षिण-पूर्व एशिया में उत्पन्न हुई इस घटना ने दुनिया भर को प्रभावित किया।
- इसकी शुरुआत वर्ष 1997 के मध्य में तब हुई जब थाईलैंड की मुद्रा ‘थाई बात’ (Thai baht) का मूल्य सट्टेबाजी के कारण एकदम से गिर गया था।
- इससे पूरे क्षेत्र में एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया शुरू हो गई, जिससे इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया एवं मलेशिया जैसी अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुईं।
- इस संकट से एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की विदेशी निवेश पर अत्यधिक निर्भरता एवं उच्च कॉर्पोरेट ऋण जैसी अंतर्निहित खामियाँ उजागर हुईं।
- डॉटकॉम बबल, 2001 : 1990 के दशक में शुरु हुए डॉटकॉम बबल (Dot-com bubble) को इंटरनेट बबल भी कहते हैं। इसमें इंटरनेट कंपनियों की बाजार पूँजी में तेजी से विस्तार हुआ।
- निवेशकों ने इंटरनेट स्टार्टअप्स में अत्यधिक पूंजी का निवेश किया, जबकि इनमें से कई के बिजनेस मॉडल या मूल्यांकन अस्थिर थे।
- वर्ष 2000-2001 के दौरान तीव्र विकास की अवधि के बाद इंटरनेट-आधारित कई कंपनियों का मूल्यांकन अप्रत्याशित रूप से कम होने लगा। इससे स्टॉक की कीमतों में भारी गिरावट के बाद कई कंपनियां दिवालिया हो गईं और रोजगार का नुकसान हुआ।
- वर्ष 2008 का वित्तीय संकट : यह घटना सबप्राइम ऋण प्रथाओं के उजागर होने के कारण वॉल स्ट्रीट को लगे कई झटकों के कारण हुई थी।
- वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के दौरान अमेरिकी आवास बाजार का पतन हुआ। इसका विनाशकारी एवं वैश्विक प्रभाव हुआ।
- 9/11 के हमला : 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमला (9/11) एक आश्चर्यजनक एवं दुखद ब्लैक स्वान घटना थी।
- मानव क्षति के अलावा इसका वैश्विक वित्तीय बाजारों पर गहरा प्रभाव पड़ा। स्टॉक एक्सचेंज कई दिनों तक बंद रहे जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक व्यवधान उत्पन्न हुआ।
- COVID-19 : मार्च 2020 में शुरू हुई कोरोनोवायरस महामारी एक क्लासिक ब्लैक स्वान घटना है।
- यह पूर्णतया अप्रत्याशित घटना थी जिसके वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम हुए। इससे विश्व की सभी अर्थव्यवस्थाएं लगभग बंद हो गईं और लोगों की जीवनशैली में बड़े पैमाने पर बदलाव आया।