चर्चा में क्यों?
पेट्रोल में एथेनॉल का सम्मिश्रण वर्ष 2020-21 में बढ़कर 8.1% हो गया है, जो वर्ष 2013-14 में 1.5% था।
मुख्य बिंदु
- सरकार ने ‘एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल’ कार्यक्रम के तहत वर्ष 2022 तक पेट्रोल में 10% बायो-एथेनॉल मिश्रण और वर्ष 2025 तक 20% मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है। पूर्व में यह लक्ष्य वर्ष 2030 तक प्राप्त करना था।
- एथेनॉल के 10% प्रतिस्थापन से तेल आयात में 1.5 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है।
- इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन पर अंकुश लगाना और आयातित कच्चे तेल पर भारत की निर्भरता को कम करना है। एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये लाभकारी मूल्य, ब्याज सब्सिडी और उत्पादन क्षमता में विस्तार जैसे नीतिगत उपाय किये जा रहे हैं।
- शीरा आधारित एथेनॉल उत्पादन सुविधा वर्ष 2016-17 की तुलना में वर्तमान में दोगुनी से भी अधिक हो गई है।