भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) के शोधकर्ताओं ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में रक्त चूषक मक्खियों (Blood-sucking Flies) की 23 प्रजातियों की पहचान की है।
इनमें से 13 प्रजातियों को भारत में पहली बार रिकॉर्ड किया गया है, जिनके नाम हैं- सी. बार्नेटी (C. barnetti), सी. गोल्डी (C. gouldi), सी. फ्लेविस्कुटेलारिस (C. flaviscutellaris), सी. फ्लेविपंक्टेटस (C. flavipunctatus), सी. हुई (C. hui), सी. हिस्ट्रियो (C. histrio), सी. गुट्टीफर (C. guttifer), सी. पेरोर्नैटस (C. perornatus), सी. ओकिनावेन्सिस (C. okinawensis), सी. क्वाटेई (C. quatei), सी. ऑब्स्क्यूरस (C. obscurus), सी. कोरोनैलिस (C. coronalis), और सी. कुसाईएंसिस (C. kusaiensis)
इन मक्खियों के बारे में
इन सूक्षम कीटों को मिज (Midges) भी कहा जाता है जो दिखने में मक्खियों जैसे होते हैं। इन्हें स्थानीय रूप से भूसी मक्खी कहा जाता है।
ये पशुधन (भेड़, बकरी, मवेशी) और जंगली जानवरों (हिरण) का रक्त चूसते हैं।
कुल (फैमिली) : सेराटोपोगोनिडे (Ceratopogonidae)
वंश (जीनस) : क्यूलिकोइड्स (Culicoides)
भारतीय क्यूलिकोइड्स जीवों में अब 93 प्रजातियाँ शामिल हैं।
प्रसार :क्यूलिकोइड्स जीव न्यूजीलैंड और अंटार्कटिका को छोड़कर पूरी दुनिया में पाए जाते हैं।
रोगजनक :मक्खियों की पाँच प्रजातियाँ ब्लूटंग रोग वायरस (Bluetongue Disease Virus) के प्रसार के लिए जानी जाती हैं।
इसके लक्षणों में जीभ का रंग बदलना, बुखार, सूजन, अत्यधिक लार आना आदि शामिल है।
23 प्रजातियों में से 17 प्रजातियां मनुष्यों को काटती हैं। हालाँकि, अभी तक किसी मानव रोग संचरण की सूचना नहीं है।