चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में दो समुद्र तटों ‘मिनिकॉय थुंडी और कदमत’ को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय इको-लेबल ‘ब्लू फ्लैग’ प्रमाणन प्रदान किया गया है।
भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तट
- मिनिकॉय थुंडी और कदमत तटों को शामिल करते हुए वर्तमान में भारत में ब्लू फ्लैग प्रमाणित समुद्र तटों की संख्या 12 हो गई है।
- अक्तूबर 2020 में भारत के आठ समुद्र तटों को पहली बार ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्रदान किया गया। इन समुद्र तटों में शिवराजपुर (गुजरात), घोघला (दीव), कासरकोड (कर्नाटक), पदुबिद्री (कर्नाटक), कप्पड़ (केरल), गोल्डेन (ओडिशा), रुशिकोंडा (आंध्र प्रदेश) और राधानगर (अंडमान एवं निकोबार) शामिल हैं।
- इसके पश्चात् सितंबर 2021 में दो अन्य समुद्र तटों- ईडन (पुडुचेरी) और कोवलम (तमिलनाडु) को भी ब्लू फ्लैग प्रमाणन दिया गया।
क्या है ब्लू फ्लैग प्रमाणन
- समुद्र तटों को ब्लू फ्लैग प्रमाणन का दर्ज़ा डेनमार्क स्थित “फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन (FEE)” द्वारा प्रदान किया जाता है।
- यह एक स्वैच्छिक टैग है जो पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ समुद्र तटों को स्वच्छ सुविधाओं के साथ दिया जाता है।
- यह दर्ज़ा निर्धारित मानकों पर खरा उतरने की स्थिति में प्रदान किया जाता है। इन मानकों के अंतर्गत तटों को पर्यावरण अनुकूल बनाना, प्लास्टिक व कचरा मुक्त करना और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को सुनिश्चित करना शामिल हैं।
ब्लू फ्लैग प्रमाणन की शुरुआत
- इस कार्यक्रम को वर्ष 1985 में फ्रांस में शुरू किया गया, जिसे वर्ष 1987 से अन्य यूरोपीय देशों में विस्तारित कर दिया गया था। यूरोप के बहार के देशों में इस कार्यक्रम को वर्ष 2001 से शुरू किया गया था।
- जापान और दक्षिण कोरिया इस प्रमाणन को प्राप्त करने पहले एशियाई देश हैं।
- एफ़.ई.ई. ने 50 देशों के 5,000 से अधिक समुद्र तटों को यह प्रमाणन प्रदान किया है। सर्वाधिक ब्लू फ्लैग प्रमाणन दर्ज़ा प्राप्त समुद्री तट स्पेन में स्थित हैं। इसके पश्चात् ग्रीस का स्थान है।
पात्रता मानदंड
एफ़.ई.ई. द्वारा समुद्र तटों के लिये 33 मानदंडों की एक श्रृंखला की पहचान की गई है। इन मानकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है-
- जल की गुणवत्ता
- पर्यावरणीय शिक्षा और सूचना
- पर्यावरणीय प्रबंधन
- सुरक्षा और सेवाएं
ब्लू फ्लैग प्रमाणन के लाभ
- ब्लू फ्लैग प्रमाणन प्राप्त करने वाले समुद्र तट वैश्विक मानचित्र पर स्थापित हो जाते हैं। भारत अब विश्व के 50 ब्लू फ्लैग प्रमाणन वाले देशों में शामिल हो गया है। इस प्रमाणन के द्वारा भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा।
- इस निर्णय के बाद समुद्र तटों के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढाँचे के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। विदित है कि वर्ष 2020 में तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) नियमों के तहत समुद्र तटों और द्वीपों पर निर्माण और अन्य संबंधित गतिविधियों में छूट दी गई थी।
फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंटल एजुकेशन
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यह एक गैर-लाभकारी संगठन है जो पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से सतत विकास को बढ़ावा देता है। यह मुख्य रूप से पांच पर्यावरण शिक्षा कार्यक्रमों को संचालित करता है: ब्लू फ्लैग, इको-स्कूल, यंग रिपोर्टर फॉर द एनवायरनमेंट, लर्निंग अबाउट फ़ॉरेस्ट और ग्रीन की।
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