चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने असम के तामुलपुर में 61वीं बोडो साहित्य सभा का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- यह सभा बोडो भाषा तथा साहित्य को बढ़ावा देती है। इसकी स्थापना 16 नवंबर, 1952 को की गई थी। इसमें असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और नेपाल के प्रतिनिधि शामिल थे।
- बोडो समुदाय असम राज्य का सबसे बड़ा नृवंश विज्ञानवादी समूह है, जो मुख्यत: असम के बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र में केंद्रित है। हालाँकि, ये समुदाय पूरे उत्तर-पूर्व भारत में फैले हुए हैं।
- बोडो को आधिकारिक तौर पर संविधान के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है। बोडो भाषा 7वीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से एक है।