संदर्भ
हाल ही में, दिल्ली-एनसीआर के 80 से अधिक स्कूलों ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली। ऐसा माना जा रहा है कि ये धमकी भारत के बाहर से (रूस से) डार्क वेब का प्रयोग करके दी गयी।
बम की धमकी के कारण
- दहशत फैलाना
- स्थानों या संगठनों के सामान्य संचालन को बाधित करना
- ध्यान भटकाना एवं परेशान करना
- सरकार या प्राधिकरण की प्रतिक्रिया और तैयारी चेक करना
- सामान्य कार्यों (जैसे- चुनाव, त्यौहार आदि) में बाधा डालना
ऐसी स्थिति में क्या किया जाना चाहिए
- बम धमकी मिलने पर तुरंत पुलिस को सूचित करना
- पुलिस के परामर्श से होल्डिंग एरिया में ले जाना
- बाड़ लगाना
- अनावश्यक वस्तुओं को हटाना (जहाँ विस्फोटक छिपाए जा सकते हैं)
- अलग प्रवेश/निकास की व्यवस्था
- कम रोशनी वाले पार्किंग स्थल, स्कूल भवन के बहुत करीब पार्किंग स्थल और निगरानी करने में मुश्किल क्षेत्रों जैसे सुभेद्य क्षेत्रों की पहचान करना
- सीसीटीवी से निगरानी
- भवन का लेआउट तैयार रखना और आपात स्थिति में पुलिस, अग्निशमन विभाग, एन.डी.आर.एफ. व बचाव टीमों के साथ साझा करना
- स्पष्ट नियमों के बारे में सूचित करना
- कानूनी प्रभाव व दंडात्मक प्रावधानों के बारे में जानकारी होना
इससे संबंधित कुछ क़ानूनी एवं दंडात्मक प्रावधान
- गैर-कानूनी कार्यकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 (2004 में संशोधित)
- भारत की अखंडता एवं संप्रभुता को खतरे में डालने वाली अवैध व आतंकवादी गतिविधियों को स्वाभाविक रूप से दंडनीय घोषित करना।
- व्यक्तियों और संगठनों द्वारा कुछ अवैध गतिविधियों के साथ-साथ उनसे संबंधित मामलों की रोकथाम की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए अधिनियमित करना
- राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980
- राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य, किसी व्यक्ति को सार्वजनिक व्यवस्था में खलल डालने या समाज के लिए आवश्यक आपूर्ति व सेवाओं को बाधित करने से रोकने के लिए एनएसए लागू करने का प्रावधान
- सरकार को विदेशियों को हिरासत में लेने और उनकी उपस्थिति को विनियमित करने या उन्हें भारत से निष्कासित करने का अधिकार देना
- दंड प्रावधान
- आईपीसी की धारा 120बी, 506 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है।
- आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 67 के तहत अगर आप किसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में धमकी भरा या अश्लील ईमेल भेजते है तो तीन साल की जेल की सजा व जुर्माना देना पड़ सकता है।
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 54 के तहत किसी आपदा को लेकर फर्जी और दहशत की खबर फैलाने पर एक साल की सजा व जुर्माना दोनों हो सकता है।
क्या होता है Dark Web
- डार्क वेब इंटरनेट का ही हिस्सा है किंतु इस तक पहुंचना थोड़ा मुश्किल होता है। ये इंटरनेट की दुनिया का वो हिस्सा है, जहाँ अवैध व वैध हर तरह के काम होते हैं। यहां तक सर्च इंजन आसानी से नहीं पहुंच सकता है। इसके लिए स्पेशल ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है।
- Dark Web में यूजर्स के डाटा की खरीद-फरोख्त होती है। लीक हुए डेटा को हैकर्स डार्क वेब पर ही बेचते हैं। इसे एक्सेस करने के लिए आपको स्पेशल ब्राउजर की जरूरत होती है। इसे TOR (The Onion Router) के जरिए एक्सेस किया जाता है
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