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बोतलबंद पीने का पानी उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणी में शामिल

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने सभी पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को ‘उच्च जोखिम’ श्रेणी में रखने का फैसला लिया है
  • यह आदेश इन उत्पादों को निर्माताओं के लिए अनिवार्य जोखिम निरीक्षण, निगरानी और तीसरे पक्ष के ऑडिट के अधीन करने का मार्ग प्रशस्त करता है.
  • अब पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर के निर्माताओं को हर साल एक बार जोखिम-आधारित निरीक्षण से गुजरना होगा। 
    • लाइसेंस या पंजीकरण देने से पहले भी उनका निरीक्षण किया जाएगा।

उच्च जोखिम वाले खाद्य उत्पाद 

  • FSSAI के अनुसार 'उच्च जोखिम वाले खाद्य की श्रेणी' में दूषित, खराब स्टोरेज और गलत प्रबंधन वाले उत्पाद शामिल हैं. 
  • इससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है. 
  • इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों को उपयोग करने से पहले सख्त नियमों और निगरानी की जरूरत होती है
  • 'उच्च जोखिम' श्रेणी के अंतर्गत आने वाले खाद्य उत्पादों का अनिवार्य जोखिम-आधारित निरीक्षण किया जाता है
  • इससे पहले, FSSAI ने 8 समूहों को उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों के रूप में वर्गीकृत किया था –
    1. डेयरी उत्पाद
    2. मांस 
    3. पोल्ट्री उत्पाद
    4. मछली और मछली उत्पाद
    5. अंडे
    6. तैयार खाद्य पदार्थ
    7. सभी प्रकार की भारतीय मिठाइयां
    8. पोषक तत्व और विशेष पोषण के लिए बनाए गए खाद्य पदार्थ 

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI)

  • स्थापना – वर्ष 2008
  • मुख्यालय - नई दिल्ली 
  • यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है।
  • इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये मानकों का निर्माण करना तथा खाद्य पदार्थों के विनिर्माण, भण्डारण, वितरण, बिक्री तथा आयात आदि को नियन्त्रित करना है 

प्रश्न  - भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) की स्थापना कब हुई थी ?

(a) वर्ष 2006

(b) वर्ष 2007

(c) वर्ष 2008

(d) वर्ष 2009

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