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ब्रिज रीकॉम्बिनेशन मैकेनिज्म Bridge Recombination Mechanism (BRM)

  • ब्रिज रीकॉम्बिनेशन मैकेनिज्म (BRM) एक उन्नत जीन-संपादन तकनीक है जो प्राकृतिक रूप से होने वाले तंत्र पर आधारित है।
  • यह DNA स्ट्रैंड को तोड़कर और फिर से जोड़कर आनुवंशिक सामग्री में नए संयोजन पेश करता है।

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BRM की विशेषताएँ:-

जंपिंग जीन पर आधारित:-

  • यह ट्रांसपोज़ेबल तत्वों या जंपिंग जीन का उपयोग करता है, जो DNA के एक भाग से अलग होकर दूसरे भाग से जुड़ सकते हैं।

DNA पुनर्संयोजन क्षमता(DNA recombination capability):

  • BRM शोधकर्ताओं को लंबे DNA अनुक्रमों पर पुनर्व्यवस्थित करने, उलटने, स्थानांतरित करने, क्लोन करने और अन्य संपादन कार्य करने की अनुमति देता है।

आनुवंशिक विकारों के उपचार में सहायक:

  • इस तकनीक का उपयोग आनुवंशिक विकारों के उपचार में किया जा सकता है, जिससे आनुवंशिक रोगों के इलाज की नई संभावनाएँ खुलती हैं।

कृषि और जैव प्रौद्योगिकी में उपयोग:

  • BRM का उपयोग पौधों और जानवरों में विशेषताओं को बेहतर बनाने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने और नए लक्षण विकसित करने के लिए किया जा सकता है।

डीएनए की मरम्मत और जीनोमिक विकास में भूमिका:

  • यह तकनीक आनुवंशिक विविधता को बढ़ाने, डीएनए की मरम्मत और जीनोम विकास में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जंपिंग जीन क्या हैं?

  • जंपिंग जीन, जिन्हें ट्रांसपोज़ेबल एलिमेंट (TE) भी कहा जाता है, वे डीएनए अनुक्रम हैं जो जीनोम में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं।
  • यह आनुवंशिक भिन्नता और जीनोमिक विविधता का एक प्रमुख स्रोत है।

जंपिंग जीन की विशेषताएँ:

डीएनए अनुक्रमों का ट्रांसपोज़िशन(Transposition of DNA sequences):

  • ये जीन डीएनए के भीतर अपने स्थान को स्वतः बदल सकते हैं, जिससे जीनोम संरचना प्रभावित होती है।

ट्रांसपोज़ेबल एलिमेंट Transposable Elements (TEs):

  • जंपिंग जीन को ट्रांसपोज़ेबल एलिमेंट कहा जाता है क्योंकि वे डीएनए में अलग-अलग स्थानों पर “ट्रांसपोज़” कर सकते हैं।

रीकॉम्बिनेज एंजाइम की भूमिका (Role of Recombinase Enzymes):

  • इन छोटे डीएनए खंडों में रीकॉम्बिनेज एंजाइम होते हैं, जो डीएनए से जुड़ते हैं और उसमें बदलाव कर सकते हैं।
  • ये जीन के सिरों पर अतिरिक्त डीएनए खंड भी ले जाते हैं, जो ट्रांसपोज़िशन की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाते हैं।

स्व-प्रतिकृति(Self-Replication):

  • जंपिंग जीन अपनी स्वयं की प्रतियाँ बना सकते हैं और इन प्रतियों को नए स्थानों पर डाल सकते हैं।

आनुवंशिक उत्परिवर्तन और जीनोमिक विकास (Genetic Mutations and Genomic Evolution):

  • उनकी गति और स्थानांतरण आनुवंशिक उत्परिवर्तन का कारण बन सकते हैं।
  • यह नए जीन और जीनोमिक विविधता के विकास में योगदान देता है।

जंपिंग जीन का महत्व(Importance of Jumping Genes):

  • आनुवंशिक अनुसंधान में सहायक: वैज्ञानिक इनका उपयोग जीन कार्यों का अध्ययन करने और डीएनए में परिवर्तन की प्रक्रिया को समझने के लिए करते हैं।
  • रोगों के अध्ययन में योगदान: जंपिंग जीन कैंसर जैसी बीमारियों से जुड़ी आनुवंशिक बीमारियों और उत्परिवर्तनों को प्रभावित कर सकते हैं।
  • जैव प्रौद्योगिकी में उपयोग: इनका उपयोग जीन संपादन, जीन थेरेपी और कृषि जैव प्रौद्योगिकी में किया जाता है।
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