प्रारम्भिक परीक्षा – ब्रू शरणार्थी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3 |
संदर्भ
त्रिपुरा सरकार ने मिजोरम ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए भूमि आवंटित की है।
भारत सरकार द्वारा ब्रू शरणार्थी को बसाने के लिए किए जा रहे कार्य :-
- इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में ब्रू शरणार्थियों और त्रिपुरा सरकार और मिजोरम सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
- समझौते के अनुसार, कुल 6,959 ब्रू (जिसे रियांग भी कहा जाता है) जनजाति परिवारों को त्रिपुरा राज्य के चार जिलों में 12 अलग-अलग स्थानों पर स्थायी रूप से बसाया जाना है।
- मिजोरम के 35 हजार से ज्यादा ब्रू-रियांग शरणार्थियों को स्थायी रूप से त्रिपुरा में बसाए जाने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
- इस संबंध में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।
- केंद्र सरकार और प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते के तहत ब्रू-रियांग शरणार्थियों को चार लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ 40 से 30 फीट का प्लॉट और दो साल तक 5,000 रुपये प्रति माह की नकद सहायता और मुफ्त राशन दिया जाएगा।
ब्रू समुदाय का इतिहास :-
- इस जनजातीय समूह के सदस्य म्यांमार के शान प्रांत के मूल निवासी हैं, जो कुछ सदियों पहले म्यांमार से आकर मिजोरम में बसे थे।
- ब्रू समुदाय मिजोरम का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक आदिवासी समूह है।
- वर्ष 1996 में ब्रू समुदाय और बहुसंख्यक मिजो समुदाय से स्वायत्त जिला परिषद के मुद्दे पर संघर्ष हुआ।
- इस संघर्ष के पश्चात् अक्तूबर 1997 में ब्रू जनजाति की लगभग आधी जनसंख्या (लगभग 5000) ने पलायन कर त्रिपुरा में शरण ले ली थी, जहाँ ये ये कैंपों में रह रहे हैं।
- त्रिपुरा सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि यह वापस मिजोरम चले जाए।
- इसके लिए त्रिपुरा सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस समस्या को सुलझाने की कोशिशें की।
ब्रू समुदाय :-
- इस जनजातिय को रियांग के नाम से भी जाना जाता है।
- भारत सरकार द्वारा 75 जनजातीय समूहों को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया है, रियांग जनजाति उनमें से एक हैं।
- त्रिपुरा और मिजोरम के अतिरिक्त इस जनजाति के सदस्य असम और मणिपुर में भी रहते हैं।
- इनकी भाषा रियांग है, जो तिब्बत-म्यांमार की कोकबोरोक भाषा परिवार का अंग है। रियांग भाषा में 'ब्रू' का अर्थ 'मानव' होता है।
- यह जनजाति अपने ही समुदाय में शादी करती हैं ।
- यह जनजाति हिंदू धर्म के वैष्णव संप्रदाय को मानती है।
- रियांग जनजाति के प्रमुख को राय कहा जाता है, जो विवाह और तलाक की अनुमति देता है तथा आपसी झगड़े निपटाता है।
- त्रिपुरी के बाद यह त्रिपुरा की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है।
- यह जनजाति मुख्यत: दो बड़े गुटों में विभाजित है-मेस्का और मोलसोई।
- ये लोग जीविका निर्वाह के लिए झूम खेती एवं बुनाई करते हैं।
- इस समुदाय की महिलाएं बुनाई का कार्य करती हैं।
- 'ब्रू' महिलाओं के द्वारा बुनाई की गई वस्त्र :- ये महिलाएं रिनाई (Rinai), रिसा (Risa), बासेई (Basei), पानद्री (Pandri), कुताई (Kutai), रिकातु (Rikatu), बाकी (Baki), कामचाई (Kamchai) आदि की बुनाई करती हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से ब्रू-रियांग शरणार्थियों का मूल निवास स्थान कहाँ है?
(a) भारत
(b) नेपाल
(c) भूटान
(d) म्यांमार
उत्तर: (d)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- भारत सरकार द्वारा ब्रू शरणार्थी को बसाने के लिए किए जा रहे कार्यों की विवेचना कीजिए।
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