राज्यों की भागीदारी के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। इसके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।
सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ प्रारम्भ करेगी। इस मिशन के तहत केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से इन दालों की खरीद करेगी।
उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।
मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका उद्देश्य है :
अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र तथा गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक नीतिगत ढाँचे का प्रस्ताव।
कपास की खेती की उत्पादकता एवं निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है। इसके तहत कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई है।
असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के वर्गीकरण मानदण्ड में संशोधन
सभी एम.एस.एम.ई. के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और 2 गुना किए जाने की घोषणा की गई है।
उद्यम श्रेणी |
निवेश(करोड़ रुपये में) |
टर्न ऑवर(करोड़ रुपये में) |
||
वर्तमान |
संशोधित |
वर्तमान |
संशोधित |
|
सूक्ष्म उद्यम |
1 |
2.5 |
5 |
10 |
लघु उद्यम |
10 |
25 |
50 |
100 |
मध्यम उद्यम |
50 |
125 |
250 |
500 |
उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपये के नए अंशदान के साथ फंड ऑफ़ फंड्स की स्थापना की जाएगी।
5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्ध कराने की एक नई योजना की घोषणा की गई है।
बजट में भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, 22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा की गई है।
बजट में भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे, नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना की घोषणा की गई है।
बिहार में ‘राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना की जाएगी।
‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।
विकास के तीसरे इंजन के रूप में निवेश
अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी
भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा।
युवाओं को ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल के लिए पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके पाठ्यक्रम डिजाइन, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, कौशल प्रमाणन ढाँचा और आवधिक समीक्षा शामिल होगी।
वर्ष 2014 के बाद शुरू किए गए 5 आई.आई.टी. में 6,500 और छात्रों को शिक्षा की सुविधा देने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढाँचे का निर्माण किया जाएगा। आई.आई.टी., पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढाँचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।
500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी।
सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में ऐसे 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
बजट में शहरी कामगारों की आमदनी बढ़ाने और स्थायी आजीविका पाने में सहायता करने तथा उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु योजना की घोषणा की गई है।
पीएम स्वनिधि योजना से 68 लाख से ज़्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिला है। इसे विस्तारित करते हुए बैंकों से ज़्यादा लोन, 30,000 रुपये की सीमा वाले UPI लिंक्ड क्रेडिट कार्ड और क्षमता निर्माण सहायता के साथ इस योजना को नया रूप दिया जाएगा।
सरकार गिग श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था के साथ ही पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी।इससे लगभग 1 करोड़ गिग-श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है।
पूंजीगत व्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन हेतु राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित है।
वर्ष 2021 में घोषित पहली परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना की सफलता के आधार पर वर्ष 2025-30 के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की दूसरी योजना शुरू की जाएगी। योजना को समर्थन देने के लिए विनियामक और राजकोषीय उपायों में सुधार किया जाएगा।
इस योजना के तहत वर्ष 2019 से अब तक भारत की 80% ग्रामीण आबादी के 15 करोड़ परिवारों को पीने योग्य नल के पानी के कनेक्शन तक पहुंच प्रदान की गई है। 100% कवरेज प्राप्त करने के लिए इस मिशन को वर्ष 2028 तक बढ़ाया गया है।
समुद्री उद्योग के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए 25,000 करोड़ रुपये की राशि से समुद्री विकास कोष स्थापित किया जाएगा। इसमें सरकार का 49% तक योगदान होगा और शेष राशि बंदरगाहों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।
बजट में अगले 10 वर्ष में 120 नए गंतव्यों और 4 करोड़ यात्रियों के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की संशोधित उड़ान योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत पर्वतीय आकांक्षी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों को भी समर्थन दिया जाएगा।
बिहार की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी।
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा।
लघु खनिज सहित खनन क्षेत्र में सुधार को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और राज्य खनन सूचकांक की स्थापना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण के लिए एक नीति लाई जाएगी।
सार्वजनिक निजी भागीदारी को आगे बढ़ाने और परियोजना नियोजन में निजी क्षेत्र की सहायता के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल से प्रासंगिक डाटा और मानचित्रों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।
क्षमता निर्माण और आसान वीजा मानदंडों के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी से भारत में चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा दिया जाएगा।
जुलाई 2024 के बजट में घोषित निजी क्षेत्र से प्रेरित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहलों को कार्यान्वित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की संभावना तलाशी जाएगी।
भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।
बुनियादी भू-स्थानिक अवसंरचना और डाटा विकसित करने के लिए राष्ट्रीय
भू-स्थानिक मिशन प्रारंभ।
शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहकर्त्ताओं के साथ पांडुलिपि के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शुरू किया जाएगा। इस मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को शामिल किया जाएगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली का एक राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय एम.एस.एम.ई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव।
व्यापार प्रलेखन और वित्त पोषण समाधानों के लिए संयुक्त मंच के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ट्रेडनेट (BTN) नामक एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्थापित की जाएगी।
वैश्विक आपूर्ति श्रंखला के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को जोड़ने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास हेतु सहायता प्रदान की जाएगी।
ऊभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों के मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।
भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफ.डी.आई. की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी।
राष्ट्रीय वित्तीय अवसंरचना एवं विकास बैंक (एन.ए.बी.एफ.आई.डी.) अवसंरचना के लिए कॉरपोरेट बॉंड के उद्देश्य से आंशिक ऋण वृद्धि सुविधा स्थापित करेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एस.एच.जी. सदस्यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए “ग्रामीण क्रेडिट स्कोर” फ्रेमवर्क विकसित करेंगे।
पेंशन उत्पादों के विनियमित समन्वय और विकास के लिए एक फोरम की स्थापना का प्रस्ताव।
सभी गैर वित्तीय क्षेत्र संबंधी नियमों, प्रमाण लाइसेंस और अनुमति की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्च स्तरीय समिति के गठन का प्रस्ताव।
प्रतिस्पर्धी समन्वित संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 में राज्यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू किया जाएगा।
जन विश्वास विधेयक 2.0 में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाने के लिए प्रस्ताव।
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