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बजट- 2025-26( भाग-1)

बजट के बारे में

  • संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, बजट को सरकार का वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है। हालांकि, संविधान में ‘बजट’ शब्द का उल्लेख नहीं है। यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों एवं व्यय का विवरण होता है।
  • केंद्रीय बजट को राजस्व बजट (सरकार के कर एवं गैर-कर राजस्व प्राप्तियों व व्यय सहित) और पूंजीगत बजट (सरकार की पूंजीगत प्राप्तियों और भुगतानों सहित) में वर्गीकृत किया जाता है।

बजट की तैयारी

  • वित्त मंत्रालय का आर्थिक कार्य विभाग बजट तैयार करने के लिए नोडल निकाय है। बजट मुख्यत: विभिन्न विभागों/मंत्रालयों और अपने अधीनस्थ आकलन प्राधिकरणों से प्राप्त व्यय व प्राप्तियों के विस्तृत अनुमान के आधार पर तैयार किया जाता है। 
  • बजट नकद आधार पर तैयार किया जाता है (यानी एक वित्तीय वर्ष के दौरान उचित मंजूरी के तहत वास्तव में जो भी प्राप्त या भुगतान होने की उम्मीद है)।

बजट का प्रस्तुतिकरण 

  • प्रत्येक वित्तीय वर्ष में राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत करवाया जाता है। संसद में बजट केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दो भागों में प्रस्तुत किया जाता है- भाग ए और बी।
    • भाग ए: यह बजट का व्यापक आर्थिक हिस्सा है, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं व प्राथमिकताओं की घोषणा की जाती है और विभिन्न क्षेत्रों को धन आवंटन किया जाता है।
    • भाग बी: यह वित्त विधेयक से संबंधित होता है, जिसमें आयकर संशोधन व अप्रत्यक्ष कर जैसे कराधान प्रस्ताव शामिल होते हैं।

प्रमुख बजट दस्तावेज

  • वित्त मंत्री के बजट भाषण के अलावा निम्नलिखित दस्तावेज संसद में प्रस्तुत किए जाते हैं :
    • वार्षिक वित्तीय विवरण (अनुच्छेद 112 के तहत)
    • अनुदान की मांगें (अनुच्छेद 113 के तहत)
    • वित्त विधेयक (अनुच्छेद 110 के तहत)
    • एफ.आर.बी.एम. अधिनियम के तहत अनिवार्य राजकोषीय नीति वक्तव्य :
      • मैक्रो-इकोनॉमिक फ्रेमवर्क स्टेटमेंट
      • मध्यम अवधि की राजकोषीय नीति एवं रणनीति वक्तव्य

बजट प्रक्रिया के चरण

  • प्रथम चरण में संसद में बजट प्रस्तुत किया जाता है। (राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से वित्त मंत्री द्वारा)
  • दोनों सदनों में बजट पर सामान्य चर्चा होती है।
  • स्थायी समितियाँ अलग-अलग मंत्रियों की अनुदान मांगों की जाँच करती हैं।
  • लोकसभा में अनुदान मांगों पर विस्तृत चर्चा एवंमतदान होता है।
  • अंतिम चरण में विनियोग और वित्त विधेयक पारित किया जाता है।

बजट 2025-26 की प्रमुख विशेषताएँ

  • केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्‍द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। इस बार प्रस्तुत बजट 2025 का कुल आकार 50.65 लाख करोड़ रुपये है। 
  • यह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत लगातार 8वां  बजट है। इससे पहले उन्होंने एक अंतरिम बजट और 6 पूर्णकालिक बजट प्रस्तुत किए हैं। 
  • केन्द्रीय बजट में वर्णित विकसित भारत की यात्रा के चार प्रमुख ईंजन : कृषि, एस.एस.एम.ई., निवेश और निर्यात।

भाग एक

विकास के प्रथम इंजन के रूप में कृषि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना– विकासशील कृषि जिला कार्यक्रम

राज्यों की भागीदारी के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ का शुभारंभ किया जाएगा। इसके माध्यम से कम उत्पादकता, कम उपज और औसत से कम ऋण मानदण्डों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा। इस कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है।

ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण

  • राज्यों की भागीदारी से ‘ग्रामीण समृद्धि और लचीला निर्माण’ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रारम्भ किया जाएगा ताकि कौशल, निवेश, प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में अल्प रोजगार का समाधान हो और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले।
  • इसके तहत पहले चरण में 100 विकासशील कृषि जिलों को शामिल किया जाएगा।

दलहन में आत्मनिर्भरता

सरकार तूर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के साथ 6-वर्षीय ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ प्रारम्भ करेगी। इस मिशन के तहत केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ अगले 4 वर्षों के दौरान किसानों से इन दालों की खरीद करेगी।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम

उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड

मखानों का उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार लाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका उद्देश्य है : 

  • अनुसंधान इकोसिस्टम को मजबूत करना
  • लक्षित विकास एवं उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना
  • बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना

मत्स्य उद्योग

अंडमान एवं निकोबार तथा लक्षद्वीप जैसे द्वीपों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारतीय विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र तथा  गहरे समुद्रों से निरंतर मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए एक नीतिगत ढाँचे का प्रस्ताव।

कपास उत्पादकता मिशन

कपास की खेती की उत्पादकता एवं  निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए 5 वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है। इसके तहत कपास की अधिक लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा।

किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अधिक ऋण

किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले ऋणों के लिए ऋण सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई है।

असम में यूरिया संयंत्र

असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला एक यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

विकास का दूसरा इंजन : एम.एस.एम.ई.

सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के वर्गीकरण मानदण्ड में संशोधन

सभी एम.एस.एम.ई. के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और 2 गुना किए जाने की घोषणा की गई है।

उद्यम श्रेणी

निवेश(करोड़ रुपये में)

टर्न ऑवर(करोड़ रुपये में)

वर्तमान

संशोधित

वर्तमान

संशोधित

सूक्ष्म उद्यम

1

2.5

5

10

लघु उद्यम 

10

25

50

100

मध्यम उद्यम 

50

125

250

500

सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड

उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में 5 लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

स्टार्ट-अप के लिए फंड ऑफ़ फंड्स

विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपये के नए अंशदान के साथ फंड ऑफ़ फंड्स की स्थापना की जाएगी।

पहली बार के उद्यमियों के लिए योजना

5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पहली बार के उद्यमियों के लिए अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध कराने की एक नई योजना की घोषणा की गई है।

फुटवियर और लेदर क्षेत्रों के लिए फोकस उत्पाद स्कीम

बजट में भारत के फुटवियर और लेदर क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने,  22 लाख व्यक्तियों को रोजगार दिलाने, 4 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने और 1.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात सुगम बनाने के लिए फोकस उत्पाद स्कीम की घोषणा की गई है।

खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय

बजट में भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे, नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना की घोषणा की गई है।

खाद्य प्रसंस्करण के लिए सहायता

बिहार में ‘राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता एवं प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना  की जाएगी।

विनिर्माण मिशन- ‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाना

‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।

विकास के तीसरे इंजन के रूप में निवेश

लोगों में निवेश

सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0

  • सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम पूरे देश में 8 करोड़ से अधिक बच्चों, 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं सहित आकांक्षी जिलों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगभग 20 लाख किशोरियों को पोषण सहायता प्रदान करता है।
  • बजट में पोषण संबंधी सहायता के लिए लागत मानदण्डों को समुचित रूप से बढ़ाए जाने की घोषणा की गई है।

अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं

अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी

भारत नेट परियोजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।

भारतीय भाषा पुस्तक योजना

स्कूल और उच्चतर शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में डिजिटल रूप में पुस्तकें प्रदान करने के लिए भारतीय भाषा पुस्तक योजना की घोषणा।

राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र

युवाओं को ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विनिर्माण के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल के लिए पाँच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके पाठ्यक्रम डिजाइन, प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण, कौशल प्रमाणन ढाँचा और आवधिक समीक्षा शामिल होगी।

आई.आई.टी. में क्षमता का विस्तार

वर्ष 2014 के बाद शुरू किए गए 5 आई.आई.टी. में 6,500 और छात्रों को शिक्षा की सुविधा देने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढाँचे का निर्माण किया जाएगा। आई.आई.टी., पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढाँचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।

शिक्षा हेतु ए.आई .में उत्कृष्टता केंद्र

500 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से शिक्षा हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता संबंधी एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

चिकित्सा शिक्षा का विस्तार

मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में अगले 5 वर्षों में 75000 और सीटें बढ़ाने के लक्ष्य की दिशा में अगले वर्ष 10000 अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी।

सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र

सरकार अगले 3 वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र स्थापित करने की सुविधा प्रदान करेगी। वर्ष 2025-26 में ऐसे 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

शहरी आजीविका सुदृढ़ीकरण

बजट में शहरी कामगारों की आमदनी बढ़ाने और स्थायी आजीविका पाने में सहायता करने तथा उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान हेतु योजना की घोषणा की गई है।

पीएम स्वनिधि

पीएम स्वनिधि योजना से 68 लाख से ज़्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को लाभ मिला है। इसे विस्तारित करते हुए बैंकों से ज़्यादा लोन, 30,000 रुपये की सीमा वाले UPI लिंक्ड क्रेडिट कार्ड और क्षमता निर्माण सहायता के साथ इस योजना को नया रूप दिया जाएगा।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कामगारों के कल्याण के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना

सरकार गिग श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण की व्यवस्था के साथ ही पीएम जन आरोग्य योजना के अंतर्गत उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करेगी।इससे लगभग 1 करोड़ गिग-श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है।

अर्थव्यवस्था में निवेश

अवसंरचना में सरकारी निजी भागीदारी

  • प्रत्येक अवसंरचना से संबंधित मंत्रालय 3 साल की परियोजनाओं की पाइपलाइन लेकर आएगा, जिन्हें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मोड में लागू किया जा सकता है।
  • राज्यों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और वे PPP प्रस्ताव तैयार करने के लिए IIPDF (इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट डेवलपमेंट फंड) योजना से सहायता मांग सकते हैं।

अवसंरचना के लिए राज्यों को सहायता

पूंजीगत व्यय और सुधारों के लिए प्रोत्साहन हेतु राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित है।

परिसंपत्ति मौद्रीकरण योजना 2025-30

वर्ष 2021 में घोषित पहली परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना की सफलता के आधार पर वर्ष 2025-30 के लिए 10 लाख करोड़ रुपये की दूसरी योजना शुरू की जाएगी। योजना को समर्थन देने के लिए विनियामक और राजकोषीय उपायों में सुधार किया जाएगा।

जल जीवन मिशन

इस योजना के तहत वर्ष 2019 से अब तक भारत की 80% ग्रामीण आबादी के 15 करोड़ परिवारों को पीने योग्य नल के पानी के कनेक्शन तक पहुंच प्रदान की गई है। 100% कवरेज प्राप्त करने के लिए इस मिशन को वर्ष 2028 तक बढ़ाया गया है।

शहरी चुनौती कोष

  • सरकार जुलाई 2024 बजट में घोषित ‘शहरों को विकास केन्द्र के रूप में, शहरों का रचनात्मक पुनर्विकास तथा जल एवं स्वच्छता के प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का ‘शहरी चुनौती कोष’ स्थापित करेगी। 
    • यह निधि विश्वसनीय परियोजनाओं की लागत के 25% तक की धनराशि को इस शर्त के साथ वित्तपोषित करेगी कि लागत का कम से कम 50% बाँड, बैंक ऋणों और पी.पी.पी. से वित्तपोषित किया जाए।
    • योजना के तहत वर्ष 2025-26 के लिए 10,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है।

विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन

  • वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय भागीदारी के लिए परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणु क्षति के लिए नागरिक दायित्व अधिनियम में संशोधन किए जाएंगे।
  • 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) के अनुसंधान एवं विकास के लिए एक परमाणु ऊर्जा मिशन की स्थापना की जाएगी।
    • वर्ष 2033 तक कम से कम 5 स्वदेशी रूप से विकसित SMR संचालित किए जाने का लक्ष्य है।

पोत निर्माण

  • लागत संबंधी नुकसानों को दूर करने तथा चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने  के लिए जहाज निर्माण वित्तीय सहायता नीति में सुधार करते हुए इसमें भारतीय यार्डों में जहाज तोड़ने के लिए क्रेडिट नोट्स भी शामिल किए जाएंगे।
  • निर्दिष्ट आकार से बड़े जहाजों को ‘इंफ्रास्ट्रक्चर हार्मोनाइज्ड मास्टर लिस्ट’ में शामिल किया जाएगा।
  • जहाजों की रेंज, श्रेणियों और क्षमता बढ़ाने के लिए जहाज निर्माण क्लस्टरों को सुविधा प्रदान की जाएगी।
    • इसमें संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ, कौशल और प्रौद्योगिकी शामिल होगी।

समुद्री विकास कोष

समुद्री उद्योग के लिए दीर्घकालिक वित्तपोषण के लिए 25,000 करोड़ रुपये की राशि से समुद्री विकास कोष स्थापित किया जाएगा। इसमें सरकार का 49% तक योगदान होगा और शेष राशि बंदरगाहों और निजी क्षेत्र से जुटाई जाएगी।

उड़ान क्षेत्रीय संपर्क योजना

बजट में अगले 10 वर्ष में 120 नए गंतव्यों और 4 करोड़ यात्रियों के लिए क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने की संशोधित उड़ान योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत पर्वतीय आकांक्षी और उत्तर-पूर्व क्षेत्र के जिलों में हेलीपैड और छोटे हवाई अड्डों को भी समर्थन दिया जाएगा।

बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

बिहार की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी।

मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना

पश्चिमी कोशी नहर परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले बड़ी संख्या में किसानों को लाभ मिलेगा।

खनन क्षेत्र सुधार

लघु खनिज सहित खनन क्षेत्र में सुधार को सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और राज्य खनन सूचकांक की स्थापना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। महत्वपूर्ण खनिजों के निष्कर्षण के लिए एक नीति लाई जाएगी।

स्वामिह निधि 2

  • किफायती एवं मध्यम आय आवास के लिए विशेष विंडो (: SWAMIH) के तहत संकटग्रस्त आवास परियोजनाओं में 50,000 आवासीय इकाइयों का निर्माण पूरा हो चुका है।
    • वित्त मंत्री द्वारा 6 नवंबर 2019 को स्वामिह निधि-1 की घोषणा की गई थी।
  • वर्ष  2025 में अन्य 40000 इकाइयों का निर्माण पूरा हो जाएगा। स्वामिह निधि 2 को सरकार, बैंकों और निजी निवेशकों के योगदान से एक मिश्रित वित्त सुविधा के रूप में स्थापित किया जाएगा। 
  • 15,000 करोड़ रुपये के इस फंड का लक्ष्य अन्य 1 लाख इकाइयों को शीघ्रता से पूरा करना होगा।

निजी क्षेत्र के लिए पीएम गति शक्ति डाटा 

सार्वजनिक निजी भागीदारी को आगे बढ़ाने और परियोजना नियोजन में निजी क्षेत्र की सहायता के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल से प्रासंगिक डाटा और मानचित्रों तक पहुंच प्रदान की जाएगी।

रोजगार आधारित वृद्धि के लिए पर्यटन

  • देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को राज्यों के साथ साझेदारी में चुनौती मोड के माध्यम से विकसित किया जाएगा। प्रमुख बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए भूमि राज्यों को उपलब्ध करानी होगी।
  • रोजगार आधारित विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाएंगे:
    • आतिथ्य प्रबंधन संस्थानों सहित युवाओं के लिए गहन कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करना।
    • होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्रदान करना।
    • पर्यटन स्थलों तक यात्रा और संपर्क में आसानी में सुधार करना।
    • पर्यटक सुविधाओं, स्वच्छता और विपणन प्रयासों सहित प्रभावी गंतव्य प्रबंधन के लिए राज्यों को प्रदर्शन से जुड़े प्रोत्साहन प्रदान करना।
    • कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा-शुल्क छूट के साथ-साथ सुव्यवस्थित ई-वीजा सुविधाएं शुरू करना।
  • जुलाई 2024 के बजट में प्रस्तावित आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के स्थानों पर बल देने के साथ-साथ भगवान बुद्ध के जीवन और समय से संबंधित स्थलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

भारत में चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य लाभ

क्षमता निर्माण और आसान वीजा मानदंडों के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी से भारत में चिकित्सा पर्यटन और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा दिया जाएगा।

नवाचार में निवेश

अनुसंधान, विकास और नवाचार

जुलाई 2024 के बजट में घोषित निजी क्षेत्र से प्रेरित अनुसंधान, विकास और नवाचार पहलों को कार्यान्वित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन।

डीपटैक फंड ऑफ फंड्स

अगली पीढ़ी के स्टार्टअप को प्रोत्साहन के लिए डीप टेक फंड ऑफ फंड्स की संभावना तलाशी जाएगी।

पी.एम. अनुसंधान अध्येतावृत्ति

  • पीएम अनुसंधान अध्येतावृत्ति योजना के अंतर्गत अगले पांच वर्षों में संवर्धित वित्तीय सहायता के साथ आई.आई.टी. और आई.आई.एस.सी. में प्रौद्योगिकीय अनुसंधान के लिए दस हजार अध्येतावृत्तियां प्रदान की जाएगी।

फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक

भविष्य में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों के साथ दूसरे जीन बैंक की स्थापना की जाएगी। यह सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को अनुवांशिक अनुसंधान के लिए संरक्षण सहायता प्रदान करेगी।

राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन

बुनियादी भू-स्थानिक अवसंरचना और डाटा विकसित करने के लिए राष्ट्रीय
भू-स्थानिक मिशन प्रारंभ।

ज्ञान भारतम मिशन

शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहकर्त्ताओं के साथ पांडुलिपि के सर्वेक्षण, दस्तावेजीकरण और संरक्षण के लिए ज्ञान भारतम मिशन शुरू किया जाएगा। इस मिशन के तहत 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों को शामिल किया जाएगा। भारतीय ज्ञान प्रणाली का एक राष्ट्रीय डिजिटल संग्रह स्थापित किया जाएगा।

विकास के चतुर्थ इंजन के रूप में निर्यात

निर्यात संवर्द्धन मिशन

वाणिज्य मंत्रालय एम.एस.एम.ई और वित्त मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित निर्यात संवर्द्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव।

भारत ट्रेडनेट

व्यापार प्रलेखन और वित्त पोषण समाधानों के लिए संयुक्त मंच के रूप में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए भारत ट्रेडनेट (BTN) नामक एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना स्थापित की जाएगी।

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के साथ एकीकरण हेतु सहायता

वैश्विक आपूर्ति श्रंखला के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को जोड़ने के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के विकास हेतु सहायता प्रदान की जाएगी।

वैश्विक क्षमता केंद्र के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा

ऊभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्यों के मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय रूपरेखा तैयार की जाएगी।

वित्तीय क्षेत्र सुधार और विकास

बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ.डी.आई.)

भारत में संपूर्ण प्रीमियम का निवेश करने वाली कंपनियों के लिए बीमा क्षेत्र में एफ.डी.आई. की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी।

एन.ए.बी.एफ.आई.डी. द्वारा क्रेडिट वृद्धि सुविधा

राष्ट्रीय वित्तीय अवसंरचना एवं विकास बैंक (एन.ए.बी.एफ.आई.डी.) अवसंरचना के लिए कॉरपोरेट बॉंड के उद्देश्य से आंशिक ऋण वृद्धि सुविधा स्थापित करेगा।

ग्रामीण क्रेडिट स्कोर

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एस.एच.जी. सदस्‍यों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की ऋण आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए “ग्रामीण क्रेडिट स्‍कोर” फ्रेमवर्क विकसित करेंगे।

पेंशन क्षेत्र

पेंशन उत्‍पादों के विनियमित समन्‍वय और विकास के लिए एक फोरम की स्‍थापना का प्रस्‍ताव।

विनियामक सुधार हेतु उच्‍चस्‍तरीय समिति

सभी गैर वित्‍तीय क्षेत्र संबंधी नियमों, प्रमाण लाइसेंस और अनुमति की समीक्षा करने के लिए विनियामक सुधार हेतु उच्‍च स्‍तरीय समिति के गठन का प्रस्‍ताव।

राज्‍यों का निवेश अनुकूल सूचकांक

प्रतिस्‍पर्धी समन्‍वित संघवाद की भावना को आगे बढ़ाने के लिए वर्ष 2025 में राज्‍यों का निवेश अनुकूल सूचकांक शुरू किया जाएगा।

जन विश्‍वास विधेयक 2.0

जन विश्‍वास विधेयक 2.0 में 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बनाने के लिए प्रस्‍ताव।

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