चर्चा में क्यों
हाल ही में जर्मनी के बवेरिया में 11 मिलियन वर्ष पुरानी महाकपि (Great Apes) की ज्ञात सबसे छोटी प्रजाति के जीवाश्म की खोज की गई जिसे ‘बुरोनियस मैनफ्रेडस्चिमिडी’(Buronius manfredschmidi) नाम दिया गया है।
‘बुरोनियस मैनफ्रेडस्चिमिडी’ के बारे में
- इस कपि का अनुमानित वजन सिर्फ 10 किलोग्राम (8 पाउंड) है, जो लगभग एक मानव बच्चे के बराबर है।
- यह प्राचीन होमिनिड वंश का हिस्सा है जिससे अंततः आज के मनुष्य, गोरिल्ला और चिंपैंजी आदि जीवों का विकास हुआ है।
- यह जीनस किसी भी जीवित या किसी जीवाश्म होमिनिड में से सबसे छोटा है।
- शोध के अनुसार, यह प्रजाति संभवतः डेनुवियस गुगेनमोसी नामक एक बड़े होमिनिड के साथ सह-अस्तित्व में थी।
- एक ही न स्थल से प्राप्त जीवाश्म साक्ष्य से पता चलता है कि दोनों प्रजातियाँ एक ही अवधि के दौरान उस क्षेत्र में निवास करती थीं।
- बुरोनियस के दो दांत और एक घुटने के आंशिक अवशेष मिले हैं, जिससे पता चलता है कि यह अपने आकार और आकृति के कारण चढ़ाई करने में कुशल था।
- इसके दांतों के पतले इनेमल और हल्के घिसाव से अनुमान लगाया जा सकता है कि इसका आहार संभवतः मुलायम फल और पत्तियां थीं।
खोज के निहितार्थ
- यह खोज मिओसीन युग में रहने वाले होमिनिड्स की विविधता को समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो लगभग 23.03 मिलियन वर्ष से 5.333 मिलियन वर्ष पूर्व तक विद्यमान थे।
- यह अध्ययन न केवल हमें अपने पूर्वजों के बारे में अधिक जानने में मदद करता है, बल्कि हमें विकासवादी जीव विज्ञान का अध्ययन करने और अतीत में जटिल पारिस्थितिक तंत्रों के एक-दूसरे के साथ संवाद करने के नये तरीके भी देता है।