भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कैल्शियम कार्बाइड पर प्रतिबंध का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों को सचेत किया है।
कैल्शियम कार्बाइड के बारे में
- रासायनिक सूत्र : CaC2
- उपयोग : प्राय: फलों (जैसे- आम) को कृत्रिम रूप से पकाने में।
- उत्सर्जन : एसिटिलीन गैस का उत्सर्जन
- इसमें आर्सेनिक एवं फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं। इन्हें ‘मसाला’ (Masala) भी कहते हैं।
- उत्पादन प्रक्रिया : औद्योगिक रूप से लगभग 2000 डिग्री सेल्सियस पर कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) एवं कोक (कार्बन) के मिश्रण से इलेक्ट्रिक-आर्क भट्टी में।
- औद्योगिक उपयोग : एसिटिलीन एवं कैल्शियम साइनामाइड (CaCN2) के उत्पादन में।
- रंग : शुद्ध कैल्शियम कार्बाइड रंगहीन
- हालाँकि, ग्रेड के आधार पर अधिकांश नमूनों का रंग काले से लेकर भूरा-सफ़ेद तक होता है।
- विनियमन : खाद्य संरक्षा एवं मानक (बिक्री पर निषेध व प्रतिबंध) विनियम, 2011 के तहत फलों को पकाने के लिए इसके उपयोग पर प्रतिबंध
- कैल्शियम कार्बाइड के सीधे संपर्क में आने पर फलों पर आर्सेनिक एवं फास्फोरस के अवशेष संभव।
- दुष्प्रभाव : चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी एवं त्वचा पर अल्सर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ।
एथिलीन गैस : कैल्शियम कार्बाइड का विकल्प
- FSSAI ने भारत में फलों को पकाने के लिए एक सुरक्षित विकल्प के रूप में ‘एथिलीन गैस’ के उपयोग की अनुमति दी है।
- एथिलीन फलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जो रासायनिक एवं जैव-रासायनिक गतिविधियों से फल पकने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
- कच्चे फलों को एथिलीन गैस से उपचारित करने से पकने की प्राकृतिक प्रक्रिया शुरू हो जाती है।
- एथिलीन गैस का उपयोग फसल, किस्म एवं परिपक्वता के आधार पर 100 ppm (100 μl/L) तक की सांद्रता में किया जा सकता है।
- अन्य विकल्प के रूप में केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड एवं पंजीकरण समिति (CIB & RC) ने आम व अन्य फलों को पकाने के लिए एथेफॉन 39% SL को मंजूरी दी है।