बिहार के गोपालगंज से पुलिस ने संदिग्ध रूप से 50 ग्राम कैलिफ़ोर्नियम जब्त किया है, जिसकी अनुमानित कीमत 850 करोड़ रुपए है। यह अत्यधिक रेडियोधर्मी धातु होता है। हालांकि, परमाणु वैज्ञानिकों की जांच में यह पदार्थ बिल्कुल भी रेडियोधर्मी नहीं पाया गया है।
कैलिफ़ोर्नियम (Californium) के बारे में
- परिचय : यह चाँदी की तरह सफ़ेद रंग का अत्यधिक शक्तिशाली न्यूट्रॉन उत्सर्जक एवं रेडियोधर्मी रासायनिक तत्व है। यह आवर्त सारणी के एक्टिनाइड समूह (परमाणु क्रमांक 89 से 102 तक) का एक सदस्य है।
- खोज : वर्ष 1950 में (यह खोजा जाने वाला छठा ट्रांसयूरेनियम तत्व है)
- खोजकर्ता : स्टेनली थॉम्पसन, केनेथ स्ट्रीट जूनियर, अल्बर्ट घियोरसो और ग्लेन सीबॉर्ग।
- नामकरण : कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया राज्य के नाम पर
- यह तत्व यहाँ पहली बार निर्मित किया गया था।
- परमाणु क्रमांक और प्रतीक चिह्न : 98 एवं Cf
- परमाणु द्रव्यमान : 251 (सभी तत्वों में दूसरे नंबर पर आइंस्टीनियम के बाद)
- उपलब्धता : पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से अनुपलब्ध और केवल प्रयोगशाला में निर्मित। (यह आवर्त सारणी के 24 ज्ञात सिंथेटिक रासायनिक तत्वों में से एक है जो पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है।)
- कीमत : अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक ग्राम की कीमत 17 करोड़ रुपए।
कैलिफ़ोर्नियम का उपयोग
- पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर्स में सोने व चांदी के अयस्कों की पहचान करने में
- तेल कुओं में पानी व तेल की परतों की पहचान करने में
- हवाई जहाजों में धातु क्षीणता एवं तनाव (Metal Fatigue and Stress) का पता लगाने में
- परमाणु रिएक्टरों को शुरू करने में मदद करने के लिए
- उच्च द्रव्यमान वाले तत्वों के परमाणु संश्लेषण में