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भाँग : मादक पदार्थों की खतरनाक श्रेणी से बाहर

(प्रारम्भिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : स्वास्थ्य से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भाँग को मादक पदार्थों की सबसे खतरनाक श्रेणी से बहार कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • संयुक्त राष्ट्र के नार्कोटिक ड्रग्स आयोग (CND) ने अपने 63वें सत्र में मादक पदार्थों की सबसे खतरनाक श्रेणी का पुनर्वर्गीकरण करते हुए भाँग (CANNABIS) को इससे बाहर कर दिया है। इस सत्र की अध्यक्षता पाकिस्तान द्वारा की गई थी।
  • आयोग ने भाँग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नियंत्रित व विनियमित करने के तरीकों में बदलाव के लिये भी कई फैसले लिये।
  • हालाँकि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी द्वारा भाँग का पुनर्वर्गीकरण महत्त्वपूर्ण है, परंतु यह दुनिया भर में अपनी स्थिति को तब तक नहीं बदलेगा जब तक कि देश व्यक्तिगत मौजूदा नियमों को जारी रखेंगे।
  • जनवरी 2019 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की संधियों में भाँग से सम्बंधित 6 सिफारिशें की गई थी, जिसमें मादक पदार्थों, जैसे- भाँग और भाँग की राल को वर्ष 1961 के सिंगल कन्वेंशन की अनुसूची IV से हटाना शामिल है। अनुसूची IV विशेष रूप से खतरनाक दवाओं की श्रेणी है।

मतदान की स्थिति

  • इस सम्मेलन में सी.एन.डी. के 53 सदस्यों में से भारत, अमेरिका और अधिकांश यूरोपीय राष्ट्रों सहित 27 राष्ट्रों ने सबसे खतरनाक पदार्थों की सूची से भाँग और भाँग के राल को हटाने के पक्ष में मतदान किया।
  • जबकि चीन, पाकिस्तान और रूस सहित 25 देशों ने इसके विरोध में मतदान किया, जबकि यूक्रेन तटस्थ स्थिति में था।

नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस (NDPS) अधिनियम

  • भारत के एन.डी.पी.एस. अधिनियम, 1985 के तहत, भाँग का उत्पादन, निर्माण, स्वामित्व, बिक्री, खरीद और उपयोग दंडनीय अपराध है।
  • चरस (किसी भी रूप में चाहे कच्चे या शुद्ध, भाँग के पौधे से प्राप्त किया गया हो) जिसे एक अलग राल के रूप में परिभाषित किया गया है, भी एन.डी.पी.एस. अधिनियम में शामिल है।

नार्कोटिक ड्रग्स आयोग और मादक पदार्थों का नियमन

  • वियना स्थित सी.एन.डी. 1946 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है, जो वैश्विक दवा नियंत्रण सम्मेलनों में मादक अथवा खतरनाक पदार्थों को सूचीबद्ध कर उनके नियंत्रण के बारे में निर्णय लेती है।
  • 1961 के कन्वेंशन के शुरू होने के बाद से भाँग के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण नाटकीय रूप से बदल गया है, कई क्षेत्रों में भाँग का उपयोग मनोरंजन, दवा या दोनों के लिये किया जाता है।
  • वर्तमान में, 50 से अधिक देशों ने औषधीय भाँग कार्यक्रम की अनुमति दी है तथा कनाडा, उरुग्वे सहित अमेरिका के 15 राज्यों में इसके मनोरंजक उपयोग को वैध कर दिया गया है।

भाँग

  • डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार भाँग एक जेनेरिक शब्द है तथा इसका उपयोग कैनाबिस सैटाइवा पौधे (Cannabis sativa) से निर्मित साइकोएक्टिव (Psychoactive) औषधि मिश्रण के लिये किया जाता है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. का कहना है कि भाँग तस्करी और अवैध मादक के रूप में वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला पदार्थ है। भाँग की पत्तियों या पौधे की अन्य कच्ची सामग्री को मारिजुआना के नाम से भी जाना जाता है।
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