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कैप्टिव रोज़गार नीति

चर्चा में क्यों

हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्रालय की ‘दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्या योजना’ (DDU-GKY) के तहत ‘कैप्टिव नियोक्ता’ पहल को बढ़ावा देने पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

कैप्टिव नियोक्ता

  • ‘कैप्टिव नियोक्ता’ अपनी तरह की पहली पहल है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के निर्धन युवाओं के लिये स्थायी प्लेसमेंट सुनिश्चित करने वाले उद्योग भागीदारों की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ एक गतिशील तथा मांग आधारित कौशल निर्माण पारितंत्र के दृष्टिकोण को साकार करना है।
  • यह मॉडल उद्योग के माध्यम से राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सक्रिय सहायता के साथ उनकी आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षुओं को भी उपलब्ध कराएगा। साथ ही, उन्हें आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित करेगा एवं सुनिश्चित प्लेसमेंट प्रदान करेगा।
  • यह नियोक्ताओं को ग्रामीण युवाओं और कौशल का चयन करने तथा अपने प्रतिष्ठान एवं सहायक कंपनियों में नियुक्त करने की भी अनुमति देता है।

दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्या योजना 

  • यह ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित एक राष्ट्रव्यापी प्लेसमेंट-लिंक्ड कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसे 25 सितंबर, 2014 में शुरू किया गया।
  • इसका उद्देश्य निर्धन ग्रामीण युवाओं में प्लेसमेंट से जुड़े कौशलों का विकास करना तथा उन्हें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में रोज़गार उपलब्ध कराना है। यह कार्यक्रम कम से कम 70% प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिये गारंटीकृत प्लेसमेंट के साथ अनिवार्य प्रमाणन को न्यूनतम करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।  
  • यह कार्यक्रम 27 राज्यों तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 31 जनवरी, 2022 तक लगभग 11.44 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण तथा 7.15 लाख युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराया जा चुका है।  
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